7 साल से अधूरी पड़ी सीवरेज व्यवस्था ने नगरवासियों को रुलाया
बहादुर सैनी/निस
सीवन, 10 जुलाई
करीब 50 हजार की आबादी वाला कस्बा सीवन पिछले कई वर्षों से गंदे पानी की समस्या से दु:खी है।
सरकार द्वारा गंदे पानी की निकासी व पेयजल की समुचित व्यवस्था के लिए करीब 30 करोड़ की राशि का बजट भी आवंटित किया गया, लेकिन पिछले सात वर्षों से लोगों को राहत नहीं है।
हालांकि वर्ष 2017 में 50 हजार की आबादी को गंदे पानी से निजात दिलाने के लिए सीवरेज व्यवस्था का काम शुरू किया गया था, लेकिन 18 माह में पूरे होने वाले इस कार्य को विभाग द्वारा 7 वर्ष बाद भी पूरा नहीं किया गया है। विभागीय लापरवाही के चलते करोड़ों के बंगलों के आगे जन स्वास्थ्य विभाग की चवन्नी छाप व्यवस्था के कारण सीवरेज का गंदा पानी घरों में घुस रहा है।
लोगों के स्वास्थ्य व जान के प्रति बेपरवाह विभाग काम को पूरा करने का नाम ही नहीं ले रहा। ऐसे में लोगों को गंदे पानी की निकासी से राहत मिलने की बजाय लोगों का दर्द दिन प्रतिदिन बढ़ता जा रहा है। ऐसा नहीं कि लोगों द्वारा यह समस्या प्रशासन व सरकार के संज्ञान में नहीं लाई गई है।
गलियों में बह रहे सीवरेज के गंदे पानी ने राहगीरों के साथ साथ खासकर छात्रों के लिए परेशानी खड़ी कर दी है। गीता एसडी
स्कूल के पास खड़े सीवरेज के गंदे पानी के कारण स्कूली छात्र छात्राओं को भारी परेशानियों का सामना करना पड़ रहा है।
डीसी से लेकर विधायक तक को रो चुके दु:खड़ा
सीवन की सामाजिक संस्था लोक सेवा मंच के पदाधिकारी अपना यह दु:खड़ा विधायक, विभाग के जेई से लेकर एसई तक रो चुके हैं, लेकिन समस्या जस की तस है। संस्था के प्रधान ओम प्रकाश मुटरेजा ने बताया कि वे अपनी इस समस्या को लेकर कई बार डीसी, नगर पालिका के अधिकारियों, खंड विकास एवं पंचायत अधिकारी से लेकर विधायक तक को मिल चुके हैं, लेकिन आज तक उन्हें आश्वासन के अलावा कुछ नहीं मिला है।
क्या कहते हैं अधिकारी
जनस्वास्थ्य विभाग के एक्सियन गौरव कंसल से बात की गई तो उन्होंने कहा कि सीवरेज व्यवस्था का कार्य अंतिम चरण में है। सभी मशीने आदि उपकरण फीट कर दिए गए हैं। उम्मीद है कि अगले चार पांच दिन में सीवन में लोगों को गंदे पानी की निकासी की समस्या से निजात मिल जाएगी।