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टूटे वादों के, अधूरे रिश्तों के मौसम बदलेंगे...

06:40 PM Aug 03, 2024 IST
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ट्रिब्यून न्यूज सर्विस
चंडीगढ़, 3 अगस्त
ऐसी दुनिया में जहां शादी की कसमें ज़िंदगी भर प्यार करने और साथ निभाने के वादों में गूंजती हैं, वहीं भारत में, कथित तौर पर 40,000 से ज़्यादा दुल्हनों के सपनों को ऐसे पतियों ने चकनाचूर किया है जिन्होंने प्यार का वादा किया था लेकिन पत्नियों को छोड़ कर उन्हें धोखा दिया। इस विश्वासघात की राख से किसी ​फ़ीनिक्स पक्षी की तरह उभरकर, कलर्स ने अपनी नई पेशकश ‘मेघा बरसेंगे’ के साथ ‘छोड़ी हुई औरत’ (दुल्हन परित्याग का मुद्दा) पर प्रकाश डालते हुए बदलाव की शुरुआत करने का प्रयास किया है। धोखे की पीड़ा से ग्रसित, एक नवविवाहित दुल्हन मेघा, जिसे उसके एनआरआई पति मनोज ने छोड़ दिया है, इस धोखे का बदला लेने और अपने परिवार की खोई हुई प्रतिष्ठा को फिर से हासिल करने की चुनौती का सामना करती है।

अपनी मुश्किलों के बीच, मेघा को अर्जुन के रूप में एक अप्रत्याशित सहयोगी मिलता है, जो एक आईएएस अधिकारी है और मेघा के भगोड़े दूल्हे को सबक सिखाने के उसके अभियान में मदद करता है। भारी दिक्कतों के बावजूद, मेघा हर कठिनाई का दृढ़ता से सामना करती है, परित्यक्त दुल्हनों को चुप कराने वाली परंपराओं के ज्वार को चुनौती देती है, और अपने भगोड़े पति को भारत लौटने के लिए मजबूर करती है। एक नवविवाहित लड़की की हिम्मत की सराहना करते हुए? जो अपनी भाग्य निर्माता बन जाती है, यह नया शो एक दमदार संदेश देता है कि ज़िंदगी शादी के साथ शुरू या खत्म नहीं होती है। मेघा के रूप में नेहा राणा, अर्जुन के किरदार में नील भट्ट, और मनोज के रूप में किंशुक महाजन अभिनीत और परिन मल्टीमीडिया द्वारा निर्मित, ‘मेघा बरसेंगे’ का प्रीमियर 6 अगस्त को होगा, और उसके बाद हर दिन शाम 7:00 बजे केवल कलर्स पर प्रसारित होगा।
वायकॉम18 के जनरल एंटरटेनमेंट के प्रेसिडेंट आलोक जैन ने कहा, “कलर्स में, हम हमेशा सामाजिक बदलाव को बढ़ावा देने का काम करते रहे हैं क्योंकि हम समाज की बेहतरी में योगदान देने में विश्वास करते हैं। मेघा बरसेंगे के साथ, हम महत्वपूर्ण समस्याओं पर प्रकाश डालकर इस विरासत को आगे बढ़ा रहे हैं। यह नया शो दुल्हन को छोड़ने की घटनाओं को दर्शाता है। यह ऐसी दर्दनाक सच्चाई है जो भारत भर में हज़ारों महिलाओं, परिवारों और समुदायों के समक्ष समस्याएं खड़ी करती है। हमारा लक्ष्य न केवल इस भारी मुद्दे पर चर्चा करना है बल्कि महिलाओं की अटूट भावना की सराहना करना भी है। 'मेघा बरसेंगे' में, जब महिलाओं के आगे चुनौतियों के बादल उमड़ते हैं, तो वे केवल बारिश का ही नहीं बल्कि जागरूकता, सहानुभूति और कारनामों का वादा करते हैं। हमें यकीन है कि हमारी कोशिशें बदलाव के बीज बोएंगी, अन्याय के खिलाफ एकजुट होने का मार्ग प्रशस्त करेंगी, और ज़्यादा दयालु दुनिया का निर्माण करेंगी।”

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