मुख्यसमाचारदेशविदेशखेलबिज़नेसचंडीगढ़हिमाचलपंजाब
हरियाणा | गुरुग्रामरोहतककरनाल
रोहतककरनालगुरुग्रामआस्थासाहित्यलाइफस्टाइलसंपादकीयविडियोगैलरीटिप्पणीआपकीरायफीचर
Advertisement

राज परिवारों को खूब रास आया है मंडी का चुनावी रण

07:28 AM Apr 19, 2024 IST
Advertisement

ज्ञान ठाकुर/हप्र
शिमला, 18 अप्रैल
देश की हॉट सीटों में से एक हिमाचल की मंडी लोकसभा सीट राज परिवारों को खूब रास आती रही है। इस बात का अंदाजा यहीं से लगाया जा सकता है कि मंडी संसदीय क्षेत्र में अब तक हुए 17 लोकसभा चुनावों में 6 बार ही गैर शाही परिवार के उम्मीदवार चुनाव जीत सके हैं। चुनाव जीतने वाले गैर राज परिवार के तमाम नेता भी मंडी जिले से ताल्लुक रखने वाले हैं। हालांकि मंडी जिले से ही ताल्लुक रखने वाले गैर राज परिवारों के दो नेता ठाकुर कौल सिंह व आश्रय शर्मा यहां से चुनाव में पराजित भी हुए।
पूर्व मुख्यमंत्री स्वर्गीय वीरभद्र सिंह 1971, 1980 व 2009 में मंडी से चुनाव जीते। उनकी पत्नी व मौजूदा सांसद प्रतिभा सिंह भी 2004, 2013 व 2021 में यहां से विजयी हुईं। इसके अलावा राजकुमारी अमृत कौर, राजा जोगिंद्र सेन, ललित सेन व कुल्लू राज परिवार से संबंध रखने वाले महेश्वर सिंह भी दो बार मंडी से चुनाव जीते। मंडी से गौर राज परिवार के उम्मीदवार के तौर पर चुनाव जीतने वालों में 1977 में गंगा सिंह ठाकुर, 1984, 1991 व 1996 में पंडित सुखराम और 2014 व 2019 में स्वर्गीय राम स्वरूप शामिल हैं। भाजपा ने इस बार के लोकसभा चुनाव में मंडी से बॉलीवुड अदाकारा कंगना रणौत को उम्मीदवार घोषित किया है। कंगना के परदादा सरजू सिंह प्रदेश विधानसभा में विधायक थे। कांग्रेस ने कंगना के मुकाबले इस बार बुशहर रियासत के राज परिवार के विक्रमादित्य सिंह को उम्मीदवार बनाया है। विक्रमादित्य सिंह स्व. वीरभद्र सिंह के पुत्र हैं। लिहाजा मंडी में चुनावी जंग रोचक होने के आसार हैं।
संसदीय हल्के के 11 विधायक भाजपा के
मंडी संसदीय क्षेत्र में मंडी जिले की 9 और कुल्लू की 4 विधानसभा सीटों के अलावा शिमला जिले की रामपुर तथा 3 जनजातीय विधानसभा हलके किन्नौर, लाहौल स्पीति व भरमौर शामिल हैं। इन 17 हलकों में 11 पर भाजपा विधायक हैं। लाहौल स्पीति में कांग्रेस के रवि ठाकुर के अयोग्य करार दिए जाने के बाद 6 विधानसभा सीटों पर कांग्रेस काबिज है। विधायकों की संख्या के हिसाब से बेशक भाजपा का पलड़ा भारी लगता हो, मगर बुशहर राज परिवार का मंडी से दशकों से नाता रहा है। लिहाजा विक्रमादित्य सिंह की उम्मीदवारी को हलके में नहीं आंका जा सकता है।
कांग्रेस के लिए आपदा बड़ा मुद्दा
हिमाचल में बीते साल आई भयानक प्राकृतिक आपदा से मंडी संसदीय क्षेत्र सर्वाधिक प्रभावित हुआ था। खासतौर पर कुल्लू जिला व मंडी जिला के कुछ भागों में लोगों के आपदा के जख्म अभी भी भरे नहीं हैं। ऐसे में कांग्रेस आपदा राहत को मुद्दा बना रही है।

Advertisement
Advertisement
Advertisement