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फीडबैक के जरिये सफलता की राह

07:22 AM Nov 28, 2024 IST
फीडबैक के जरिये सफलता की राह
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कीर्तिशेखर
करिअर में फीडबैक हासिल करने का मतलब है कि आप अपने कार्यक्षेत्र में अपने प्रदर्शन की गुणवत्ता, अपनी वास्तविक क्षमता तथा अपने कार्य व्यवहार के बारे में, अपने वरिष्ठ सहकर्मियों, जूनियरों और ग्राहकों से सच्ची राय जानना पसंद करते हैं। इसका उद्देश्य अपने आपको हर कसौटी पर बेहतर बनाना होता है। करिअर काउंसलरों और अनुभवी प्रशासकों का मानना है कि अगर हम वास्तव में ईमानदारी से हासिल सच्चे फीडबैक पर अमल करते हैं तो न केवल अपनी कार्यक्षमता को बेहतर बना सकते हैं बल्कि हम अपने सहकर्मियों और ग्राहकों के बीच लोकप्रिय व प्रभावशाली भी हो सकते हैं और इस सबका अंततः नतीजा करिअर में कामयाबी के शिखर पर पहुंचना होता है। मगर सवाल है हम अपनी प्रोफेशनल लाइफ में कामयाबी हासिल करने के लिए फीडबैक का कैसे बेहतर इस्तेमाल करें? आइये, इसके कुछ तरीकों पर रोशनी डालते हैं।

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खुले दिल से स्वीकारें

फीडबैक को कभी अपनी आलोचना न मानें बल्कि सीखने का अवसर मानें और इस बात पर खुश हों कि आपको यह मौका मिला है। अगर आप ईमानदारी से अपने बारे में मिले फीडबैक से अपने को परखने की कोशिश करते हैं और उसे सच पाते हैं, तो बिना एक पल को भी कुछ सोचे, समझे तुरंत अपनी कार्यशैली पर बदलाव करें। हो सकता है आपका वह इनटेंशन न रहा हो, जो आपके व्यवहार से आपके बॉस को, सहकर्मियों या आपके ग्राहकों को महसूस हुआ। अगर आपके सहकर्मियों, आपके बॉस और पब्लिक डीलिंग में हैं, तो आपके ग्राहकों को लगता है कि आपका कोई विशेष व्यवहार या काम करने का तरीका उन्हें सही नहीं लगता, तो एक बार ईमानदारी से इस पर जरूर सोचना चाहिए कि आखिर मेरे कामकाज के ढंग या व्यवहार में कोई ऐसी खामी तो नहीं है, जिसकी वजह से एक साथ कई लोगों को मेरे से परेशानी हो रही है। याद रखिए, आपके बारे में यदि किसी दूसरे की राय अंततः गलत भी हो, तो भी उस बारे में एक बार बिना किसी पूर्वग्रह के सोचना जरूर चाहिए। अगर जरा भी लगे कि आप पर लगने वाला आरोप सही है तो तुरंत अपने व्यवहार में बदलाव करें, इसके दूरगामी फायदें होंगे।

सोचें और सुधार करें

अगर एक बार आपको अपने इर्दगिर्द से अपने कार्यव्यवहार पर नकारात्मक फीडबैक मिल चुका है, तो न सिर्फ ईमानदारी से इसके बारे में सोचे बल्कि उतनी ही ईमानदारी से इस पर अमल करें। अमल करने के लिए एक व्यावहारिक योजना बनाएं और कोशिश करके उन कमियों को दूर करें, जिसकी तरफ आपको मिले फीडबैक में इशारा किया गया है। जल्द ही देखेंगे कि आपमें सुधार आ रहा है और उसका असर भी लोगों में दिखना शुरु हो गया है।

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अपनी प्रगति को मापें

फीडबैक के आधार पर अपनी सुधार प्रक्रिया को सिर्फ अमल में ही न लाएं बल्कि इस कसौटी से मापें कि क्या जरूरत के मुताबिक आपमें सुधार आया है या अभी भी पुराने ढर्रे पर ही आपके कामकाज का तरीका और व्यवहार बना हुआ है। अगर आपको खुद में सुधार दिख रहा है, तो इस पर ईमानदारी से आगे बढ़ें और अगर ऐसा नहीं दिख रहा तो नये सिरे से योजना बनाएं और इस पर कामयाबी के लिए उन लोगों की मदद लें, जिन्होंने आपको जरूरी फीडबैक दिया है।

समस्याओं को हल करें और बेहतर बनाएं

हासिल फीडबैक के आधार पर अपने आपमें सुधार करें, उन समस्याओं को हल करने में अपना अधिकतम प्रयास लगा दें, जिन्हें लेकर आपको फीडबैक मिला है। फिर नतीजे का इंतजार करें। हालांकि, आपको खुद ही बिना किसी से पूछे पता चल जायेगा कि आप सही दिशा में हैं या नहीं। फिर भी अगर किसी तरह का कंफ्यूजन हो तो सहकर्मियों और सीनियर से सलाह लें।
फीडबैक हासिल करना और उसकी बिना पर अपने आप में सुधार करना, करिअर में कामयाबी हासिल करने का बेहतरीन तरीका है। लेकिन यह तरीका यूं ही नहीं हासिल हो जाता, इसके लिए वास्तव में कुछ करना होता है। सबसे पहले तो हमें बिना उत्तेजित हुए या किसी तरह का पूर्वाग्रह पाले, समझदारी से लोगों द्वारा इंगित की गई अपनी खामियों को सुनना चाहिए। जब लोग आपकी खामियां बताएं तो तुरंत उन्हें जवाब देने की कोशिश न करें। चुपचाप सुनें फिर उसमें कुछ देर तक ईमानदारी से सोचें और अगर यह सब सही है तो बिना किसी हिचक के स्वीकारें और आश्वासन दें कि आप अपने आपको सुधारेंगे। यदि आपको लगता है कि आप पर लगाया गया आरोप सही नहीं हैं, तो भी तुरंत इसका जवाब देने की बजाय या इस पर किसी तरह की प्रतिक्रिया करने की बजाय कम से कम दो दिन का इंतजार करें और जब लगे कि आप बिल्कुल सही हैं तो भी बड़ी विनम्रता से उन लोगों से, जिन्हें आपको लेकर शिकायत है, अपने पक्ष की बात कहें और अपनी सोच स्पष्ट करें। हो सकता है, उन्होंने आपको समझने में जल्दबाजी की हो।
आमतौर पर देखा जाता है कि लोग खुद को मिले फीडबैक को अपनी आलोचना समझ बैठते हैं और इसके बारे में कुछ भी सोचने के पहले नकारात्मक निष्कर्ष निकाल लेते हैं। इससे असंतोष व हताशा पैदा होती है तथा आपके अंदर की समूची रचनात्मकता खो जाती है। हालांकि, कई बार गलत फीडबैक भी मिलते हैं, लेकिन इसे जानते हुए भी ईमानदारी से इस पर सोचना चाहिए और जब सोचेंगे तो इस गलत फीडबैक से भी आपको फायदा होगा, कम से कम यह तो पता चलेगा ही कि अपने प्रति लोगों की नकारात्मक राय को बदलने के लिए क्या करें?

इ.रि.सें.

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