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भारतीय संस्कृति का उत्थान व विकास संस्कृत भाषा में निहित : कुलपति

08:33 AM Apr 04, 2024 IST
कुरुक्षेत्र में बुधवार को आयोजित कार्यक्रम का दीप प्रज््वलित करके शुभारंभ करते कुलपति प्रो. सोमनाथ सचदेवा व अन्य। -हप्र

कुरुक्षेत्र, 3 अप्रैल (हप्र)
महर्षि वाल्मीकि संस्कृत विश्वविद्यालय तथा कुरुक्षेत्र विश्वविद्यालय (कुवि) के संस्कृत-पालि-प्राकृत विभाग के संयुक्त तत्त्वावधान में बुधवार को कुवि सीनेट हॉल में ‘हरियाणा संस्कृत गौरव सम्मान समारोह’ का आयोजन किया गया। समारोह में सम्माननीय विद्वान प्रोफेसर भीम सिंह, कुवि के पूर्व संस्कृत विभागाध्यक्ष तथा पूर्व अधिष्ठाता प्राच्य विद्या संकाय एवं महाविद्यालय थे। कार्यक्रम में मुख्यातिथि कुरुक्षेत्र विश्वविद्यालय के कुलपति प्रोफेसर सोमनाथ सचदेवा ने प्रो. भीम सिंह को बधाई देते हुए कहा कि उनका जीवन सभी के लिए प्रेरणादायक है। भारतीय संस्कृति का उत्थान व विकास संस्कृत भाषा में निहित है। उन्होंने कहा कि संस्कृत का अध्ययन किये बिना भारतीय संस्कृति का पूर्ण ज्ञान कभी सम्भव नहीं। अनेक प्राचीन एवं अर्वाचीन भाषाओं की यह जननी है।
मुख्य वक्ता प्रो. मान सिंह, पूर्व संस्कृत विभागाध्यक्ष तथा पूर्व अधिष्ठाता प्राच्य विद्या संकाय, कुवि ने प्रो. भीम सिंह के व्यक्तित्व पर प्रकाश डाला और संस्कृत क्षेत्र मे उनके योगदान के लिए उन्हें आधुनिक संस्कृत मनीषी कहा। वर्तमान संस्कृत जगत में अभिनव पतंजलि नाम से विख्यात प्रो. भीम सिंह ने इस सम्मान के लिए आयोजकों का आभार प्रकट किय।
कार्यक्रम की अध्यक्षता प्रो. रमेश चंद्र भारद्वाज, कुलपति महर्षि वाल्मीकि संस्कृत विवि, कैथल ने की। इस अवसर पर प्रो. भीम सिंह के महाभाष्य व्याख्या के 8 वें भाग का विमोचन किया गया। इससे पहले कार्यक्रम के प्रारंभ में विभागाध्यक्षा प्रो. कृष्णा देवी ने सभी विद्वानों का स्वागत एवं अभिनंदन किया। इस अवसर पर संस्कृत विवि कैथल के कुलसचिव डॉ. बृजपाल, सह आचार्य डॉ. जगत नारायण, सहायक आचार्य तथा कुवि के संस्कृत विभाग सहित अनेक विभागों के पूर्व अध्यक्ष एवं आचार्य प्रो. भाग सिंह बोदला आदि मौजूद थे।

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