मुख्यसमाचारदेशविदेशखेलबिज़नेसचंडीगढ़हिमाचलपंजाब
हरियाणा | गुरुग्रामरोहतककरनाल
रोहतककरनालगुरुग्रामआस्थासाहित्यलाइफस्टाइलसंपादकीयविडियोगैलरीटिप्पणीआपकीरायफीचर
Advertisement

लोकसभा के नतीजे तय करेंगे विस चुनाव का रोडमैप

11:34 AM May 27, 2024 IST
Advertisement

लोकसभा चुनाव 2024

दिनेश भारद्वाज/ट्रिन्यू
चंडीगढ़, 26 मई
हरियाणा में लोकसभा चुनावों के लिए मतदान होने के बाद अब सभी राजनीतिक दलों और चुनाव लड़ रहे प्रत्याशियों को नतीजों का इंतजार है। लोकसभा के ये चुनाव हरियाणा में चार महीने बाद होने वाले विधानसभा चुनावों का सेमीफाइनल हैं। ऐसे में लोकसभा चुनावों के नतीजों के हिसाब से विधानसभा चुनावों की रणनीति तय होगी। सत्तारूढ़ भाजपा के अलावा प्रमुख विपक्षी दल – कांग्रेस के अलावा इनेलो, जजपा व आम आदमी पार्टी की प्लानिंग भी लोकसभा चुनावों के नतीजों पर निर्भर करती है।
वहीं दूसरी ओर, राज्य की नायब सरकार ने भी विधानसभा चुनावों का रोडमैप तैयार कर लिया है। नायब सरकार ने तो लोकसभा चुनावों के दौरान ही विधानसभा चुनावों का खाका तैयार किया हुआ है। अगले 90-100 दिन काफी अहम होने वाले हैं। चूंकि कायदे से नायब सरकार के पास काम करने के लिए अब इतना ही समय बचा है। ऐसे में सरकार अब आने वाले दिनों में काफी एक्टिव नजर आएगी। पिछले लगभग एक महीने से हरियाणा सिविल सचिवालय में भी सन्नाटा पसरा हुआ था।
अब सचिवालय की रौनक भी लौटेगी। लोकसभा चुनावों के चलते सरकार के सभी मंत्री और विधायक अपने-अपने निर्वाचन क्षेत्रों में व्यस्त थे। सूत्रों का कहना है कि मुख्यमंत्री नायब सिंह सैनी के निर्देशों पर सीएमओ के अधिकारियों द्वारा आगामी 95 दिनों का रोडमैप तैयार किया जा चुका है। बहुत संभव है कि अब अगले करीब तीन महीनों तक सरकार काफी अधिक एक्टिव नजर आएगी। इतना ही नहीं, कई तरह के बड़े फैसले और घोषणाएं भी आने वाले दिनों में लिए जा सकते हैं। इससे भी बड़ी बात यह है कि नायब सरकार को अब दोहरे मोर्चे पर काम करना होगा। पहला मोर्चा है आगामी विधानसभा चुनाव की तैयारियों का। दूसरा मोर्चा रहेगा अल्पमत में आई सरकार को इस संकट से बाहर निकालने का। दरअसल, तीन निर्दलीय विधायकों – सोमबीर सिंह सांगवान, धर्मपाल गोंदर और रणधीर सिंह गोलन द्वारा सरकार से समर्थन वापसी के बाद नायब सरकार अल्पमत में आ गई है। हालांकि यह भी चुनावी नतीजों पर निर्भर करेगा कि सरकार के सामने विपक्ष संकट पैदा करता है या नहीं।
अगर चुनावी नतीजे भाजपा के हिसाब से सही आते हैं तो फिर विपक्ष की ओर से सरकार को गिराने की कोशिश नहीं की जाएगी। अगर लोकसभा चुनावों के परिणाम में उलट-फेर होता है तो नायब सरकार के सामने विपक्ष चुनौतियां खड़ी कर सकता है। बादशाहपुर से निर्दलीय विधायक राकेश दौलताबाद के निधन के बाद सरकार की दिक्कत और भी बढ़ गई है। राकेश ने भी सरकार को समर्थन दिया हुआ था। राकेश दौलताबाद के निधन के बाद नायब सरकार के पास बहुमत का आंकड़ा और कम हो गया है।
हरियाणा में लोकसभा की दस सीटों के लिए 66 प्रतिशत के लगभग मतदान हुआ है। हालांकि पूरा डाटा अभी सामने आना बाकी है। इस पर अभी काम चल रहा है। सोमवार सुबह तक पूरा डाटा आने की उम्मीद है। 4 जून को हरियाणा में लोकसभा की सभी दस सीटों के नतीजे घोषित होंगे। दोनों प्रमुख पार्टियां – भाजपा व कांग्रेस हलकावार अपनी समीक्षा करेंगी। 2019 के लोकसभा चुनावों में भाजपा ने लोकसभा की सभी दस सीटों पर जीत हासिल की थी। साथ ही, हरियाणा में विधानसभा की नब्बे सीटों में से 79 हलकों में भाजपा प्रत्याशियों ने अच्छे मार्जन के साथ जीत हासिल की थी। वर्तमान में भाजपा के चालीस और कांग्रेस के 30 विधायक हैं। जजपा के 10 विधायक हैं लेकिन इनमें से पांच से छह विधायक पार्टी के ही खिलाफ चल रहे हैं। विधानसभा के चुनाव क्योंकि सितंबर-अक्तूबर में होने हैं, इसलिए भाजपा और कांग्रेस हलकावार नतीजों की समीक्षा करेगी।
भाजपा अपने मौजूदा विधायकों के अलावा आगामी चुनावों में टिकट की बाट जोह रहे नेताओं का रिपोर्ट कार्ड भी तैयार करेगी। नायब सरकार के कुछ मंत्रियों के हलकों में कम मतदान प्रतिशत से जहां कई तरह के सवाल उठ रहे हैं, वहीं मुख्य विपक्षी दल कांग्रेस के कई विधायकों के विधानसभा क्षेत्रों में अधिक मतदान नए समीकरण बनाते नजर आ रहे हैं।

किस सीट पर कितना वोट प्रतिशत

अम्बाला : अंबाला से कांग्रेस प्रत्याशी वरुण चौधरी के हलके मुलाना में 69 प्रतिशत मतदान हुआ है। हैवीवेट कैबिनेट मंत्री कंवरपाल गुर्जर के हलके जगाधरी में 74 प्रतिशत मतदान हुआ। सढ़ोरा में 70 प्रतिशत मतदान हुआ। यमुनानगर विधानसभा क्षेत्र में 64 प्रतिशत मतदान हुआ है, जहां से भाजपा के विधायक घनश्यामदास अरोड़ा हैं। मुख्यमंत्री नायब सिंह सैनी के पैतृक हलके नारायणगढ़ में 69 प्रतिशत मतदान हुआ है। पूर्व मुख्यमंत्री मनोहर लाल के विधानसभा क्षेत्र रहे करनाल में 57 प्रतिशत मतदाताओं ने वोट डाले।

Advertisement

रोहतक : रोहतक लोकसभा क्षेत्र में पूर्व मुख्यमंत्री व विपक्ष के नेता भूपेंद्र सिंह हुड्डा के हलके गढ़ी-सांपला-किलोई और निर्दलीय विधायक बलराज कुंडू के हलके महम में 79 प्रतिशत मतदान हुआ है। सोनीपत संसदीय क्षेत्र में से भाजपा प्रत्याशी मोहन लाल बड़ौली के हलके राई में 67 प्रतिशत और कांग्रेस विधायक इंदुराज के हलके बरोदा में 62 प्रतिशत मतदान हुआ। भिवानी-महेंद्रगढ़ संसदीय क्षेत्र में पूर्व मुख्यमंत्री बंसीलाल के घराने की विरासत संभाल रहीं किरण चौधरी के हलके तोशाम में 57 प्रतिशत मतदान हो सका।

हिसार : हिसार संसदीय क्षेत्र के बवानी खेड़ा हलके में 60 प्रतिशत मतदाताओं ने लोकतंत्र के उत्सव में हिस्सा लिया, जो नायब सरकार में मंत्री बिशंभर वाल्मीकि का विधानसभा क्षेत्र है। कुरुक्षेत्र से इनेलो के लोकसभा प्रत्याशी अभय सिंह चौटाला के विधानसभा क्षेत्र ऐलनाबाद में 75 प्रतिशत मतदान हुआ है, जो पूरे प्रदेश में सबसे ज्यादा है। यह हलका सिरसा संसदीय क्षेत्र में पड़ता है। हलोपा विधायक गोपाल कांडा के हलके सिरसा में 63 प्रतिशत मतदान हुआ।

फरीदाबाद : शिक्षा मंत्री सीमा त्रिखा के विधानसभा क्षेत्र बड़खल में सिर्फ 51 प्रतिशत मतदान हुआ, जो न केवल फरीदाबाद संसदीय क्षेत्र, बल्कि पूरे प्रदेश में सबसे कम है। उद्योग मंत्री मूलचंद शर्मा के हलके बल्लभगढ़ में मतदान 54 प्रतिशत से आगे नहीं बढ़ पाया। अंबाला संसदीय क्षेत्र में विधानसभा अध्यक्ष ज्ञानचंद गुप्ता के हलके पंचकूला में सबसे कम 56 प्रतिशत मतदान हुआ, जबकि परिवहन मंत्री असीम गोयल के हलके अंबाला शहर और और पूर्व गृह मंत्री अनिल विज के हलके अंबाला कैंट में मतदान प्रतिशत 62 रहा।

Advertisement
Advertisement