उकलाना नगरपालिका का दर्जा समाप्त करने को आमजन लामबंद
उकलाना मंडी, 7 जुलाई (निस)
उकलाना शहर को नगरपालिका दर्जा समाप्त करने की मांग को लेकर यहां आमजन लामबंद होने लगा है। लोगों का कहना है कि उकलाना नगरपालिका 1952 में बनी थी और उसके बाद से लगातार कई वर्षों से चलती आ रही थी। इनेलो की सरकार में नॉर्म्स पूरे न होने के कारण इसे नगरपालिका का दर्जा समाप्त करके इसे गांव का दर्जा दे दिया गया।
बताया गया है कि 10 साल तक उकलाना को गांव का दर्जा मिलने के बाद जुलाई 2011 में कांग्रेस सरकार ने उकलाना शहर जो कि पहले गांव का दर्जा प्राप्त था और उकलाना गांव को मिलाकर नगरपालिका का दर्जा बहाल किया। नगरपालिका में मतदाताओं की संख्या 14 हजार के करीब है और एक चेयरमैन और 13 पार्षद इस नगरपालिका के लिए चुने गए हैं। नगरपालिका बनने के 13 वर्ष में उकलाना का विकास नहीं बल्कि विनाश का कार्य हुआ है। यह पर विकास कार्य करने में उकलाना नगरपालिका काफी पीछे रहा है। भ्रष्टाचार के मामले यहां पर सबसे ज्यादा उजागर हुए हैं। यहां पर कोई कर्मचारी आकर खुश नहीं है। नगरवासियों ने कहा कि जब से उकलाना नगरपालिका बनी है, प्रॉपटी आईडी के कारण रजिस्ट्री करवाना मुश्किल हो गया है। जिस प्रकार नारनौंद के गांव बास का नगरपालिका का दर्जा समाप्त किया गया और फिलहाल सरकार ने आदमपुर का भी नगरपालिका दर्जा समाप्त करने की घोषणा की तो इसी प्रकार मौजूदा प्रदेश सरकार से अपील है कि वह उकलाना का नगरपालिका का दर्जा भी समाप्त करें।
वही सीनियर सिटीजन समिति ट्रस्ट के चेयरमैन सत्यपाल गोयल ने उकलाना का नगरपालिका का दर्जा समाप्त करने की मांग रखते हुए कहा कि नगरपालिका बनने के बाद प्रॉपटी आईडी के कारण न तो रजिस्ट्री होती है और लोग प्रॉपटी आईडी के चक्कर में फंस कर रह गए है। उकलाना नगरपालिका का दर्जा समाप्त करके इसे गांव का दर्जा दिया जाए।