For the best experience, open
https://m.dainiktribuneonline.com
on your mobile browser.

सांप के निकलने पर लकीर पीटने का सुख

07:21 AM Jul 05, 2024 IST
सांप के निकलने पर लकीर पीटने का सुख
Advertisement

केदार शर्मा

सांप के बचकर निकल जाने के बाद लकीर पीटने का अपना अलग ही सुख होता है। सांप मारने की कोशिश में तो खतरा ही खतरा है, जान तक जा सकती है, जनाब! जान है तो जहान है। गुणीजन कभी इस तरह का खतरा मोल नहीं लेते। लकीर पीटने में किसी भी तरह का कोई खतरा या साइड इफेक्ट नहीं है। पीटो, खूब जमकर पीटो, तब तक पीटो जब तक वर्षों की अपने भीतर संचित अकड़ निकल न जाए। अब कोई कायरता का तमगा लगा दे और कहे कि बंदा सांप से डरकर भाग गया। पर यह बंदा उनसे तो बेहतर है जो लकीर को देखकर ही भाग जाते हैं।
अमूमन और पारम्परिक रूप से लकीर सांप के बचकर निकलने के तुरंत बाद पीटे जाने का रिवाज है। अधिक देरी करने पर उसका रस नीरस हो जाता है। सांप भले ही शांति से निकल गया हो पर लकीर पीटने वालों को तो जमकर हो-हुल्लड़ करनी ही पड़ती है। ये शुभ अवसर जुबानी भड़ास निकालने का अयाचित अवसर देता है। यही कारण है कि जब कोई घटना घटित होती है तो उसके तुरंत बाद पुलिस आ जाती है। आमजन फोन पर फोन कर थक जाते हैं, लगता है कि पुलिस अब आई कि अब आई। जब सांप बचकर निकल जाने के बाद जब लकीर पूरी तरह स्पष्ट बन जाती है तो बाकायदा भारी लाव-लश्कर के साथ पुलिस का पदार्पण हो जाता है। लकीर के फोरेंसिक सैंपल लिए जाते हैं। कई सारे कोणों से फोटो लिए जाते हैं। जासूसी श्वानों को मौके पर लाकर लकीर सुंघाई जाती है और चश्मदीद गवाहों के बयान लिए जाते हैं। तब जाकर इसी लकीर के माध्यम से पुलिस सांप के बिल तक पहुंचती है। मीडिया फ्लैश और ब्रेकिंग न्यूज को बार-बार दिखाता है कि आम आदमी ने लकीर को किस स्टाइल में पीटा। बचकर निकलते हुए सांप की लाइव तस्वीरें दिखाता है, जो प्रत्यक्षदर्शियों ने सांप मारने या पकड़ने की कोशिश के बजाय मोबाइल पर बनाई थी।
राजनीति और समाज में लकीर पीटने की इस बढ़ती हुई प्रवृत्ति को मद्देनज़र रखते हुए जरूरत इस बात की है कि इसका एक सुव्यवस्थित मॉड्यूल विकसित कर इसे जन-जन तक पहुंचाया जाए ताकि लोग श्रेष्ठतम और सभ्य तरीके से लकीर पीट सकें। लकीर पीटने के लिए मजबूत लाठियां बनाने पर गहन मंथन किया जाना चाहिए, क्योंकि कई बार लकीर पीटने का काम भलीभांति पूरा होने से पहले ही लाठियां टूट जाती हैं। अब सूचना तकनीक के इस युग ने यह सुविधा दे दी है कि लकीर को मीडिया के किसी भी मंच पर पीटा जा सकता है, वाट्सएप फेसबुक, इंस्टाग्राम, ट्विटर और एक्स जैसे तमाम माध्यम उपलब्ध हैं। आप लकीर पीटते हुए की सेल्फी ले सकते हैं। सोशल मीडिया पर इसकी इमेज अपलोड कर सकते हैं और लकीर पीटने के सुख को बाकायदा शेयर कर सकते हैं।

Advertisement

Advertisement
Advertisement
Advertisement
×