जिसे प्रधान चुना, वह सभा का सदस्य ही नहीं
प्रधान हरपाल ढुल
जींद, 18 फरवरी (हप्र)
अर्बन एस्टेट कॉलोनी की जाट धर्मशाला की संचालक जाट धर्मार्थ सभा के प्रधान पद के चुनाव में बहुत बड़ी चूक हो गई है। इक्कस गांव के जिस हरपाल ढुल को सर्वसम्मति से खाप पंचायत और सभा के सदस्यों ने प्रधान बनाया, वह जाट धर्मार्थ सभा के सदस्य ही नहीं हैं। उनका प्रधान पद पर चुनाव ही सरासर गलत है। अब उनकी जगह नया प्रधान चुनना होगा, जो आसान नहीं है। वर्तमान कार्यकारिणी का कार्यकाल 17 फरवरी को पूरा हो गया है।
जाट धर्मार्थ सभा के प्रधान पद को लेकर पैदा हुए विवाद का निपटारा जाट धर्मशाला में 15 फरवरी को बुलाई गई महापंचायत में हुआ था। जाट धर्मार्थ सभा की 11 सदस्यों की कमेटी ने इक्कस गांव के हरपाल ढुल को जाट धर्मार्थ सभा का प्रधान बनाया था। कमेटी के फैसले पर महापंचायत में मौजूद लोगों ने अपनी सहमति की मोहर लगाई थी, और निवृतमान प्रधान देवव्रत ढांडा तथा ईश्वर लोहचब ने हरपाल ढुल को पगड़ी पहनाकर उन्हें जाट सभा सभा की चौधर सौंप दी थी। अब हरपाल ढुल को लेकर यह खुलासा हुआ है कि वह जाट धर्मार्थ सभा के सदस्य ही नहीं हैं।
जाट धर्मार्थ सभा का संविधान साफ कहता है कि प्रधान या दूसरा पदाधिकारी केवल वही बन सकता है, जो जाट सभा का आजीवन सदस्य हो।
सभा के लगभग 2970 सदस्यों की सूची में इक्कस गांव के हरपाल पुत्र ओम का नाम नहीं है। यह खुलासा होने के बाद वह लोग सकते में आ गए हैं। यह लोग अब किसी तरह डैमेज कंट्रोल करने में लगे हैं। इन लोगों ने जाट धर्मार्थ सभा के निवर्तमान प्रधान देवव्रत ढांडा से लेकर हरपाल ढुल और अन्य सदस्यों से बात की है। हरपाल ढुल ने यह मान लिया है कि वह जाट धर्मार्थ सभा के सदस्य नहीं हैं। डैमेज कंट्रोल में जुटे लोग अब बीच का कोई रास्ता निकालने में लगे हैं, जिसमें सभा के प्रधान पद पर सर्वसम्मति से किसी और की ताजपोशी की जाए।