सात्विक सुख में जीवन की राह
सत्यव्रत बेंजवाल
‘सामवेद उद्यान से चुने पुष्प’ पुस्तक मानव जीवन के मुख्य उद्देश्य धर्म, अर्थ, काम, मोक्ष की प्राप्ति हेतु समाज को शिक्षित व प्रोत्साहित करने का प्रयास है। जिसमें लेखक डॉ. ओमप्रकाश सेतिया ने सामवेद से 250 मंत्रों का संकलन किया है । इनके माध्यम से ईश्वरोपासना, विद्वान के लक्षण, सत्य-असत्य की पहचान, आत्मा की नित्यता, आत्मा-परमात्मा विषयक, गुरु-शिष्य परंपरा, ईश्वर आराधना, मोक्ष के साधन, ईहलोक-परलोक के विभिन्न विषयों पर प्रकाश डाला है। मंत्रों का संकलन व व्याख्या करके मनुष्य जीवन को सुखमय बनाने का प्रयास किया है।
वैदिक सिद्धांतों में अटूट विश्वास रखते हुए निःस्वार्थ व निष्काम सेवा की भावना से लेखक ने इस पुस्तक में वैदिक श्लोकों का सरल हिन्दी में अर्थ भी लिखा है। सामवेद के मंत्रों का चयन करके उनका साधारण भाषा में भावार्थ करना निष्ठापूर्ण कार्य है। डाॅ. सेतिया ने पुस्तक को ज्ञान व सार से समृद्ध किया है। सामवेद के अंतर्गत लय व संगीतमय वाणी से यज्ञ, अनुष्ठान व ईश्वर पूजा में गाये जाने वाले मंत्रों का समूह है, इसमें 1875 मंत्र (छंद) हैं जिनमें ज्ञानयोग, कर्मयोग, और भक्ति योग की त्रिवेणी है। विद्वान स्वीकार करते हैं कि स्वर, ताल, लय, छंद, गति, मंत्र, स्वर-चिकित्सा आदि सामवेद से ही उद्धृत हैं।
शतपथ विप्रों ने सामवेद की उत्पत्ति सूर्य से हुई बताई है। इसमें अग्नि, इंद्र व सोम की स्तुति लयबद्ध है। सनातन सन्दर्भ में सामवेद का महत्वपूर्ण स्थान है। भगवान कृष्ण ने भी कहा था- ‘वेदों में मैं साम हूं।’ सामवेद संगीतमय मंत्रों का भंडार है। लेखक ने अथक प्रयास से चुने मंत्ररूपी उद्यान को जनमानस के लिए पठनीय बनाकर प्रस्तुत किया है। लेखक ने और भी पुस्तकें लिखी हैं, यह पुस्तक भी पठनीय है।
पुस्तक : सामवेद उद्यान से चुने पुष्प लेखक : डॉ. ओमप्रकाश सेतिया प्रकाशक : मोहिन्द्रा पब्लिशिंग हाउस, चंडीगढ़ पृष्ठ : 112 मूल्य : रु. 150.