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जो जीता वही सिकंदर

09:09 AM May 22, 2024 IST
जो जीता वही सिकंदर
रावं इंद्रजीत, कुमारी सैलजा, अरविंद शर्मा, दीपेंद्र हुड्डा
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जसमेर मलिक/हप्र
जींद, 20 मई
18वीं लोकसभा के चुनाव के लिए प्रदेश में मतदान में अब महज 5 दिन बचे हैं। मई की झुलसा देने वाली गर्मी और लू से भी ज्यादा पारा चुनावी संग्राम का चढ़ चुका है। 25 मई को प्रदेश के मतदाता जिन प्रत्याशियों की किस्मत ईवीएम में लॉक करेंगे, उनमें दोनों प्रमुख दलों भाजपा और कांग्रेस के कई ऐसे उम्मीदवार हैं, जिनकी आदत में जीत शुमार है। इनमें से जो इस बार चुनावी जंग जीतेगा, वह अपने नाम नये रिकॉर्ड दर्ज करवाएगा।
प्रदेश में सबसे अधिक 5 बार लोकसभा चुनाव जीतने का रिकार्ड गुरुग्राम से भाजपा प्रत्याशी राव इंद्रजीत के नाम है। इस बार भी वे भाजपा की टिकट पर गुरुग्राम से चुनाव मैदान में हैं। यदि इस बार भी भी उन्होंने जीत हासिल की तो वे सांसद बनने का सिक्सर लगाने वाले वह पहले नेता होंगे। इससे पहले कभी भी कोई नेता 6 बार प्रदेश से सांसद नहीं चुना गया है। वे 1998 से लेकर अब तक लोकसभा के 5 चुनाव जीत चुके हैं। प्रदेश में इससे पहले सबसे अधिक लोकसभा चुनाव जीतने का रिकार्ड 4-4 बार करनाल से पंडित चिरंजीलाल शर्मा, पूर्व सीएम भूपेंद्र सिंह हड्‌डा व कुमारी सैलजा के नाम है।
राव इंद्रजीत के बाद दूसरा नाम कुमारी सैलजा का है, जो इस बार सिरसा से कांग्रेस की टिकट पर चुनाव मैदान में हैं। यदि उन्हें भी इस बार जीत हासिल होती है, तो वे पांचवीं बार लोकसभा सांसद बन जाएंगी। इससे पहले प्रदेश में कोई भी महिला इतनी बार लोकसभा सांसद नहीं बनी है। रोहतक से भाजपा की टिकट पर चुनाव लड़ रहे अरविंद्र शर्मा भी यदि इस बार जीत हासिल करेंगे तो वे पांचवी बार सांसद बन जाएंगे। इसी तरह से चुनाव लड़ रहे कई नेता जिनमें दीपेंद्र हुड्‌डा, जयप्रकाश शामिल हैं, इस बार चुनाव जीतते हैं तो चौथी बार सांसद बनने वाले क्लब में शामिल हो जाएंगे।
इस बार लोकसभा चुनावों के दंगल में पसीना बहा रहे जो नेता लोकसभा चुनाव लड़ रहे हैं, उनमें अरविंद शर्मा व जयप्रकाश ऐसे नेता हैं, जिन पर पार्टी बदलने का कोई खास प्रभाव नहीं पड़ता। इन्होंने अलग-अलग पार्टियों से लोकसभा चुनाव लड़ा और फिर भी सांसद बने। अरविंद शर्मा अब तक 4 बार सांसद बने हैं। इसमें एक बार वे निर्दलीय, दो बार कांग्रेस की टिकट पर, एक बार भाजपा की टिकट पर चुनाव जीते। इसी तरह जयप्रकाश 3 बार सांसद बने। तीनों बार उनकी पार्टी अलग-अलग थी। एक बार वे जनता दल से, दूसरी बार हरियाणा विकास पार्टी से और तीसरी बार कांग्रेस की टिकट पर चुनाव जीत हिसार से सांसद बने।
कुमारी सैलजा व अरविंद शर्मा ऐसे नेता हैं, जिन पर लोकसभा क्षेत्र बदलने का कोई असर नहीं पड़ा। लोकसभा क्षेत्र बदलने के बाद भी सांसद बने हैं। अरविंद शर्मा सोनीपत, करनाल व रोहतक से सांसद बन चुके हैं। करनाल से वे लगातार दो बार 2004 व 2009 में सांसद बने। इसी तरह कुमारी सैलजा सिरसा व अंबाला से दो-दो बार लोकसभा का चुनाव जीत चुकी हैं। वे सिरसा लोकसभा से 1991 व 1996 में सांसद बनी। अब फिर यहीं से वे चुनाव मैदान में हैं।

सांसद बनने के नये रिकॉर्ड बनाने वालों की जीत का ब्यौरा

राव इंद्रजीत सिंह 1998 और 2004 में महेंद्रगढ से कांग्रेस की टिकट पर चुनाव जीते। 2009 में वह महेंद्रगढ़ से कांग्रेस की टिकट पर चुनाव जीते। 2014 में गुरुग्राम से भाजपा की टिकट पर चुनाव जीते। 2019 में गुरुग्राम से भाजपा की टिकट पर चुनाव जीते। सिरसा से कांग्रेस प्रत्याशी कुमारी सैलजा 1991 और 1996 में सिरसा से कांग्रेस की टिकट पर चुनाव जीतीं। 2004 और 2009 में वह अंबाला से कांग्रेस की टिकट पर चुनाव जीतीं। रोहतक से भाजपा प्रत्याशी अरविंद शर्मा 1996 में सोनीपत से आजाद उम्मीदवार के रूप में चुनाव जीते। 2004 और 2009 में वह करनाल से कांग्रेस की टिकट पर चुनाव जीते। 2019 में वह रोहतक से भाजपा की टिकट पर चुनाव जीते। रोहतक से कांग्रेस प्रत्याशी दीपेंद्र हुड्डा 2005 में रोहतक से लोकसभा उपचुनाव में कांग्रेस की टिकट पर चुनाव जीते। इसके बाद वह, 2009 और 2014 में रोहतक से कांग्रेस की टिकट पर चुनाव जीते। इस बार वह रोहतक से जीते तो जीत का चौका लगाएंगे। इसी तरह हिसार से कांग्रेस प्रत्याशी जेपी 1989 में हिसार लोकसभा से जनता दल, 1996 में हविपा और 2004 में कांग्रेस की टिकट पर चुनाव जीते। वह इस बार फिर चुनाव जीतते हैं तो हिसार से जीत का चौका लगाने वाले पहले नेता होंगे। हिसार में जीत की हैट्रिक भी जेपी के ही नाम है।

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