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उत्साह... निराशा के साथ ‘काश ऐसा होता’ का भाव दे गया ओलंपिक

06:57 AM Aug 12, 2024 IST
पेरिस में पदक के साथ एफिल टावर के पास हॉकी खिलाड़ी पीआर श्रीजेश। - प्रेट्र

पेरिस, 11 अगस्त (एजेंसी)
भारत के लिए पेरिस ओलंपिक में प्रदर्शन मिला-जुला रहा। एक ओर जहां युवा निशानेबाज मनु भाकर ने दो पदक जीते, वहीं भाला फेंक सुपरस्टार नीरज चोपड़ा का रजत पदक उम्मीदों से कमतर रहा। विनेश फोगाट का फाइनल से पहले अयोग्य ठहराया जाना निराशाजनक रहा।
इस ओलंपिक में ‘काश ऐसा होता’ का भाव ही रहा। काश ऐसा होता कि बैडमिंटन खिलाड़ी लक्ष्य सेन कांस्य पदक के प्ले-ऑफ में अचानक नहीं हारते। काश तीरंदाज दीपिका कुमारी क्वार्टर फाइनल में कोरिया के खिलाफ एक शॉट में नहीं चूकतीं। काश मीराबाई चानू ने सिर्फ एक किलोग्राम वजन और उठा लिया होता? किसी को उम्मीद नहीं थी कि सात्विकसाईराज रंकीरेड्डी और चिराग शेट्टी पदक के बिना विदा होंगे। देश के 117 सदस्यीय दल में महज छह पदक आना आदर्श नहीं हैं, लेकिन भारत के लिए इस दौरान खुशी, उम्मीद, निराशा और दुख के पल भी आए। भारत टोक्यो ओलंपिक में जीते गए सात पदकों की बराबरी नहीं कर सका। अगर चौथे स्थान पर रहने वाले छह खिलाड़ी पदक जीतने में सफल रहते तो तालिका में दोहरे पदकों की संख्या संभव थी।
हॉकी में खुशी : पुरुष हॉकी टीम टोक्यो में जीते गए पदक के रंग को बेहतर नहीं कर सकी, लेकिन जिस तरह से उसने ऑस्ट्रेलिया को हराया, बेल्जियम के खिलाफ मुकाबला खेला और जर्मनी और ब्रिटेन के खिलाफ दबाव झेला, उससे पता चलता है कि हरमनप्रीत सिंह की अगुआई वाली यह टीम मानसिक रूप से कितनी मजबूत हो गई है। गोलकीपर पीआर श्रीजेश के लिए संन्यास लेने के लिए यह बिलकुल सही समय था, जिन्होंने टोक्यो कांस्य से पहले अपनी पहचान हासिल करने के लिए संघर्ष कर रहे खेल के पुनरुद्धार में महत्वपूर्ण भूमिका निभाई थी।
विनेश के साथ देश को झकझोर दिया : 100 ग्राम वजन वाले मामले ने पहलवान विनेश फोगाट समेत पूरे देश को झकझोर दिया। यह विनेश की काबीलियत या कौशल का सवाल नहीं था बल्कि तकनीकी पक्ष था जिसने उनसे पदक छीन लिया।
छा गए निशानेबाज : युवा मनु भाकर की अगुआई में निशानेबाजों का प्रदर्शन भारत के लिए राहत भरा रहा क्योंकि छह में से तीन पदक निशानेबाजी से आए। मनु ने मिश्रित टीम 10 मीटर एयर पिस्टल स्पर्धा में सरबजोत सिंह के साथ मिलकर एक और कांस्य पदक जीता।
अमन ने कुश्ती अभियान को बचाया : मुक्केबाज निशांत देव की हार सबसे ज्यादा खलेगी। एक अन्य दावेदार निकहत जरीन भी रो पड़ीं। हालांकि पहलवान अमन सेहरावत ने सुनिश्चित किया कि कुश्ती से पदक मिले।
भविष्य की उम्मीद : टेबल टेनिस खिलाड़ी मनिका बत्रा और श्रीजा अकुला ने पहली बार व्यक्तिगत स्पर्धा के क्वार्टर फाइनल में जगह बनाकर उम्मीदों से बढ़कर प्रदर्शन किया।

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