जीवन के श्रेष्ठ प्रबंधन का नाम ही श्रीमद् भगवद् गीता : संजीव कृष्ण ठाकुर
कुरुक्षेत्र, 10 दिसंबर (हप्र)
भव्य गीता जयंती महोत्सव के अवसर पर श्री जयराम विद्यापीठ परिसर में आयोजित भागवत पुराण की कथा के छठे दिन व्यासपीठ से वृंदावन मथुरा से विख्यात कथावाचक संजीव कृष्ण ठाकुर ने कहा कि मानव जीवन बहुत कष्टों तथा तपस्या से मिलता है, परन्तु इसे कर्तव्य एवं कर्म की भावना से निभाना है।
परमात्मा सच्चे और सरल भक्तों को ही मिलते हैं। जो सरल नहीं हैं, उनका जीवन विष के समान हो सकता है। उन्होंने कथा में महाभारत के युद्ध के समय मोहग्रस्त अर्जुन की चर्चा करते हुए कहा कि जीवन की समर भूमि में हर मनुष्य अर्जुन है। जीवन में जब-जब अनिर्णय की स्थिति में पहुंच जाओ और उचित अनुचित के निर्धारण में विवेक आप का साथ न दे रहा हो तो गीता की शरण में चले जाना।
मंगलवार को भागवत कथा में हरियाणा की पूर्व मंत्री, हिसार की विधायक एवं सांसद नवीन जिंदल की माता सावित्री जिंदल पहुंची। कथा में उन्होंने व्यासपीठ पर पूजा कर नमन किया। इस के उपरांत श्रद्धा भाव से कथा का श्रवण किया।
कथा वाचक संजीव कृष्ण ठाकुर ने कहा कोई भी धनवान हो सकता है, बलवान हो सकता है, विद्वान हो सकता है, लेकिन सरलता के बिना उनके सभी गुण व्यर्थ हैं।