कर्मचारियों के 1550 करोड़ मासिक वेतन खर्च ने सरकार की बढ़ायी मुश्किलें
शिमला, 9 जून (हप्र)
हिमाचल प्रदेश की सुक्खू सरकार की हालत आमदनी अठनी, खर्चा रुपया वाली हो गई है। सरकार के आय के संसाधन तो बढ़ नही पा रहे हैं लेकिन खर्चा दिन रात बढ़ रहा है। खासकर कर्मचारियों के वेतन और भत्ते। ऐसे में सरकार को अब अपने कर्मचारियों को वेतन और पेंशन देने के भी लाले पड़ गए हैं।
हिमाचल सरकार के कर्मचारियों का वेतन खर्च मासिक 1550 करोड़ पहुंच चुका है। सरकारी कर्मचारियों को हर महीने पहली तारीख को वेतन भुगतान होता है, लेकिन सार्वजिनक उपक्रमों में कर्मियों को वेतन पहले सप्ताह में भी नहीं वेतन नहीं मिल रहा है। प्रदेश सरकार के कर्मचारियों को छठे वेतन आयोग की सिफारिशें लागू होने के बाद वेतन में वृद्धि हुई है। इसके अतिरिक्त महंगाई भत्ता और एरियर का भुगतान करने में भी बड़ी धनराशि जा रही है। कर्मचारियों का वेतनमान संशोधित होने से पहले कर्मचारियों के वेतन पर 1197 करोड़ रुपये खर्च होते थे। हिमाचल राज्य वित्त विभाग के आंकड़ों के मुताबिक गत वर्ष वेतन पर होने वाला सालाना खर्च 14149.32 करोड़ रुपये था जो इस वर्ष 18600 करोड़ तक पहुंच गया है। इसी तरह पेंशन पर बीते साल तक 9283.87 करोड़ खर्च हुए थे जो इस वित्त वर्ष में बढ़कर 9961.10 करोड़ हो गया है। प्रदेश सरकार द्वारा लिए गए कर्जों के ब्याज के रूप में गत वित्त वर्ष के दौरान 4828.64 करोड़ सालाना देने पड़ रहे थे जो चालू वित्त वर्ष में बढ़कर 6255.4 करोड़ रुपये हो गया है।