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जेओए-आईटी की नियुक्तियों का मामला मंजूरी के लिये फिर जाएगा मंत्रिमंडल के पास

07:07 AM Jan 20, 2024 IST
शिमला में शुक्रवार को जेओए-आईटी अभ्यर्थी शुक्रवार को मुख्यमंत्री सुखविंदर सिंह सुक्खू से मुलाकात करते हुए। -ट्रिन्यू

शिमला, 19 जनवरी (हप्र)
हिमाचल प्रदेश में बीते चार सालों से नियुक्ति का इंतजार कर रहे जेओएआईटी का इंतजार और बढ़ गया है। नियुक्ति के लिए सड़कों पर संघर्ष कर रहे इन अभ्यर्थियों को नियुक्ति देने के मामले को सरकार एक बार फिर प्रदेश मंत्रिमंडल के पास ले जाएगी और यदि मंजूरी मिलती है तो फिर इन्हें नियुक्ति मिल सकेगी। यही नहीं मंत्रिमंडल की मंजूरी से पहले सरकार इस मामले के कानूनी पहलुओं पर भी विचार करेगी। यह बात मुख्यमंत्री सुखविंदर सिंह सुक्खू ने शुक्रवार को शिमला में उनसे मिलने आए जोओए-आईटी के अभ्यर्थियों से कही। जूनियर ऑफिस असिटस्टेंट (जेओए) रिजल्ट में देरी को लेकर अभ्यर्थी सड़क पर उतर कर अपना विरोध जता रहे हैं। अपनी इस मांग को लेकर अभ्यर्थी आज ओकओवर में मुख्यमंत्री से मिले और उन्हें जल्द रिजल्ट घोषित किए जाने की मांग की। इस पर मुख्यमंत्री ने उन्हें आश्वस्त किया कि वह इस मामले पर सभी कानूनी पहलुओं का अध्ययन कर रहे हैं और जल्द इसका समाधान निकाला जाएगा। मुख्यमंत्री से मिलने गए अभ्यर्थियों ने बाद में पत्रकारों से बातचीत में हैरानी जताते हुए कहा कि मामले को कैबिनेट में लाने से पहले मुख्यमंत्री ने उन्हें सभी मंत्रियों से मिलने की बात कही। मुख्यमंत्री से मिलने के बाद जेओए-आईटी अभ्यर्थी लवनीश वर्मा, सौरव, राहुल और नीलम ने कहा कि मुख्यमंत्री ने उन्हें कहा कि वह लोग सभी मंत्रियों से मिलें, उनको अपना दर्द बताओ। मुख्यमंत्री के ऐसा कहने के बाद अभ्यर्थी उद्योग मंत्री हर्षवर्धन चौहान और स्वास्थ्य मंत्री कर्नल धनीराम शांडिल से प्रदेश सचिवालय में मिले और उन्हें अपना दुखड़ा बताया।

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सुक्खू सरकार चलाने में विफल : जयराम ठाकुर

मंडी (निस) : नेता प्रतिपक्ष जयराम ठाकुर ने कहा कि यदि मुख्यमंत्री ऐसा कह रहे है कि वह भर्तियों के रिजल्ट निकालना चाहते हैं लेकिन कैबिनेट के मंत्री उनका सहयोग नहीं कर रहे हैं इसलिए अभ्यर्थी उनसे भी अपनी पीड़ा कहें तो एक मुख्यमंत्री के लिए इससे दुर्भाग्यपूर्ण बयान कोई नहीं हो सकता हैं। जेओए-आईटी के अभ्यर्थी अपने रिज़ल्ट के लिए सचिवालय के बाहर धरना दे रहे हैं। कांग्रेस सरकार और उनके मंत्रिमंडल के बीच सहमति बनाने के लिए नहीं। कुल्लू के ढालपुर मैदान में विकसित भारत संकल्प यात्रा के दौरान पत्रकारों द्वारा पूछे गये सवाल के जवाब में उन्होंने यह बातें कहीं।

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