मुख्यसमाचारदेशविदेशखेलपेरिस ओलंपिकबिज़नेसचंडीगढ़हिमाचलपंजाब
हरियाणा | गुरुग्रामरोहतककरनाल
आस्थासाहित्यलाइफस्टाइलसंपादकीयविडियोगैलरीटिप्पणीआपकीरायफीचर
Advertisement

तीनों ‘लाल’ परिवारों के ‘लाल’ फिर होंगे चुनावी रण में

08:02 AM Aug 23, 2024 IST

दिनेश भारद्वाज/ ट्रिन्यू
चंडीगढ़, 22 अगस्त
हरियाणा की राजनीति पर बरसों तक ‘लाल परिवारों’ का वर्चस्व रहा है। बेशक, लाल परिवारों के सामने राजनीतिक उतार-चढ़ाव भी आते रहे हैं, लेकिन चुनावों में इनकी भूमिका कभी कम नहीं हुई। इस बार के विधानसभा चुनाव में भी प्रदेश के तीनों ‘लाल’ यानी भूतपूर्व मुख्यमंत्री- चौ. देवीलाल, चौ. बंसीलाल और चौ. भजनलाल के परिवार के सदस्य चुनावी रण में नजर आएंगे, जो अलग-अलग पार्टियों में सक्रिय हैं।
हरियाणा के राजनीतिक इतिहास में यह पहला विधानसभा चुनाव होगा, जब तीनों ही लाल परिवारों के सदस्य सत्तारूढ़ भाजपा के बैनर तले चुनाव लड़ते दिख सकते हैं। चौ. देवीलाल के बेटे रणजीत सिंह भाजपा में हैं। वे हालिया लोकसभा चुनाव हिसार से भाजपा के टिकट पर लड़ चुके हैं। 2019 में उन्होंने कांग्रेस से टिकट कटने के बाद रानियां से निर्दलीय प्रत्याशी के तौर पर जीत हासिल की थी। वे पहले मनोहर लाल और अब नायब सरकार में कैबिनेट मंत्री हैं। इस बार का विस चुनाव वे भाजपा टिकट पर रानियां से लड़ना चाहते हैं।
पूर्व मुख्यमंत्री भजनलाल के छोटे बेटे व पूर्व सांसद कुलदीप बिश्नोई अपने परिवार सहित भाजपा में शामिल हो चुके हैं। उनके बेटे भव्य बिश्नोई वर्तमान में आदमपुर से भाजपा विधायक हैं। भव्य को आदमपुर से दोबारा टिकट मिलना लगभग तय है।
वहीं, भूतपूर्व मुख्यमंत्री चौ. बंसीलाल की पुत्रवधू किरण चौधरी और पोती श्रुति चौधरी भी भाजपा के रंग में रंग चुकी हैं। किरण को भाजपा राज्यसभा भेज रही है। वहीं तोशाम हलके से श्रुति चौधरी का चुनाव लड़ना लगभग तय है। रोचक पहलू यह है कि बंसीलाल के बड़े बेटे रणबीर सिंह महेंद्रा कांग्रेस में हैं। वह अपने बेटे अनिरुद्ध चौधरी को तोशाम हलके से विधानसभा चुनाव लड़वाना चाहते हैं। अनिरुद्ध को कांग्रेस और श्रुति को भाजपा तोशाम से चुनाव लड़वाती है, तो दोनों भाई-बहन पहली बार आमने-सामने चुनाव मैदान में होंगे। रणबीर सिंह महेंद्रा और किरण चौधरी के बीच बंसीलाल की राजनीतिक विरासत को लेकर भी जंग चलती रही है।
चौ. भजनलाल के ज्येष्ठ पुत्र चंद्रमोहन बिश्नोई कांग्रेस में हैं। वे पंचकूला से कांग्रेस टिकट पर चुनाव लड़ना चाहते हैं। 2019 का चुनाव भी उन्होंने पंचकूला से लड़ा था, लेकिन भाजपा के ज्ञानचंद गुप्ता से हार गए थे। 2007 में भजनलाल और कुलदीप बिश्नोई ने जब कांग्रेस छोड़कर हजकां का गठन किया तो उस समय चंद्रमोहन बिश्नोई कांग्रेस में ही रहे।

Advertisement

देवीलाल परिवार अलग-अलग

पूर्व डिप्टी पीएम चौ. देवीलाल के बेटे रणजीत सिंह रानियां से भाजपा टिकट के प्रबल दावेदार हैं। देवीलाल परिवार के ही आदित्य देवीलाल चौटाला भी भाजपा में हैं। वे 2019 में भाजपा टिकट पर डबवाली से चुनाव लड़ चुके हैं और इस बार भी डबवाली से ही चुनावी रण में उतरने की तैयारी में हैं। उनके खिलाफ डबवाली के मौजूदा कांग्रेस विधायक एवं देवीलाल परिवार के ही अमित सिहाग चुनाव लड़ सकते हैं।

चौटाला परिवार भी दोफाड़

चौ. देवीलाल के बेटे व पूर्व मुख्यमंत्री ओमप्रकाश चौटाला का परिवार दोफाड़ हो चुका है। उनके बड़े बेटे व पूर्व सांसद डॉ. अजय सिंह चौटाला ने 2018 में इनेलो छोड़कर जननायक जनता पार्टी (जजपा) बना ली थी। 2019 के विधानसभा चुनाव में जजपा ने दस सीटों पर जीत हासिल की और अजय के पुत्र दुष्यंत चौटाला सवा चार वर्षों से भी अधिक समय तक भाजपा-जजपा गठबंधन सरकार में डिप्टी सीएम रहे। वहीं, इनेलो की कमान ओमप्रकाश चौटाला के छोटे बेटे अभय सिंह चौटाला के हाथों में है।

Advertisement

Advertisement
Advertisement