अभिभावकों, निजी स्कूलों के टीचरों का मुद्दा गरमाया, राष्ट्रपति को भेजा ज्ञापन
यमुनानगर, 4 अप्रैल (हप्र)
अभिभावक सेवा मंच के पदाधिकारीयो ने, उद्योग व्यापार मंडल के प्रदेश अध्यक्ष महेन्द्र मित्तल के नेतृत्व मे एस डी एम सोनू राम को को राष्टपति, शिक्षा निदेशालय, प्रधानमंत्री कार्यालय, प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी व मुख्यमंत्री शिकायत निवारण पटल पर निजी स्कूलों की शिकायतों की जांच का मांग पत्र सौंपा।
अभिभावकों की शिकायते हैं कि निजी शिक्षा के मन्दिरों के प्रबन्धक विद्यार्थीयो को जबरन महंगी कीमतों पर निजी पब्लिशर्स की किताबें व वर्दी निर्धारित दुकानों पर खरीदने को मजबूर कर जबरदस्त शोषण कर रहें हैं। परन्तु राज्य सरकारें जाने किस मजबूरी में जनता से सख्त कार्रवाई के वादे करके भी इन मंदिर स्वरूप निजी शिक्षा केन्द्रों को लूट का अड्डा बनने से नहीं रोक पा रही। अभिभावकों के अलावा मंच ने पहली बार निजी स्कूलों में लगी अध्यापिकाओं के हक में आवाज उठाई कि प्राइवेट शिक्षण संस्थानों में कितने अध्यापक नियमित हैं और कितनों को भविष्य निधि फंड मिल रहा है। उन सभी स्कूलों की बैलेंस शीट का मिलान आयकर विभाग व श्रम विभाग करें, क्योंकि लंबे समय से टीचरों की दबी जुबान में ये शिकायतें भी प्राप्त हो रहीं हैं कि उन्हें स्कूल के पक्के कागजों में जो वेतन मिल रहा है हकीकत में उससे बहुत ही कम तनख्वाह दी जा रही है। ऐसे में जो टीचर अभिभावक भी हैं उन पर दोतरफा मार पड़ रही है न वेतन पूरा उपर से फीस और महंगी किताबों का बोझ।
मौके पर महेन्द मित्तल, संजय मित्तल, सुमन बाल्मीकि, अभिराज राणा, अनुराग सिंगला, प्रभजीत सिंह, कपिल, चेतनभिक्षु, रवीश कुमार, रविशंकर श्रीवास्तव, ओमपाल धीमान, कमल धीमान, रजनी मल्होत्रा, प्रदीप कुमार सोनी, बलदेव वैद संदीप, भानु महतो, पूनम प्रजापति, अशोक कुमार ,संजय शर्मा, आदि अभिभावक मौजूद रहे।