लोकसभा में उठा राज्यों में Voter List में गड़बड़ी का मामला, राहुल गांधी ने की चर्चा की मांग
नयी दिल्ली, 10 मार्च (भाषा)
Rahul Gandhi: लोकसभा में नेता प्रतिपक्ष राहुल गांधी ने विभिन्न राज्यों में मतदाता सूचियों में कथित गड़बड़ी का मुद्दा सदन में उठाया और इस पर सदन में चर्चा की मांग की। सदन में शून्यकाल के दौरान राहुल गांधी ने कहा कि महाराष्ट्र और कुछ अन्य राज्यों में मतदाता सूचियों को लेकर सवाल उठे हैं।
उन्होंने कहा, ‘‘मैं इस बात से सहमत हूं कि मतदाता सूची सरकार नहीं बनाती, लेकिन पूरे देश में मतदाता सूची को लेकर सवाल खड़े हो रहे हैं।'' राहुल गांधी ने कहा, ‘‘पूरा विपक्ष यह मांग कर रहा है कि मतदाता सूची पर चर्चा हो जाए।''
इससे पहले, तृणमूल कांग्रेस के सदस्य सौगत रॉय ने कहा कि उनकी पार्टी की प्रमुख और पश्चिम बंगाल की मुख्यमंत्री ममता बनर्जी ने कागजात दिखाए हैं जिससे पता चला है कि मतदाता पहचान पत्र संख्या का दोहराव हो रहा है।
उन्होंने दावा किया, ‘‘कुछ गंभीर गड़बड़ी है, जिसके बारे में पहले महाराष्ट्र में बात हुई थी। हरियाणा में भी इसे लेकर बात हुई थी।''
तृणमूल कांग्रेस सदस्य ने पश्चिम बंगाल और असम में भी भविष्य में इस तरह की बात सामने आने की आशंका जताई। रॉय ने कहा, ‘‘पूरी मतदाता सूची में व्यापक सुधार होना चाहिए। निर्वाचन आयोग को बताना चाहिए कि यह कैसे हुआ है।''
द्रमुक सदस्यों के हंगामे के बाद प्रधान ने अपने बयान से एक शब्द वापस लिया
केंद्रीय शिक्षा मंत्री धर्मेंद्र प्रधान ने सोमवार को लोकसभा में द्रमुक सदस्यों के विरोध के बाद अपने वक्तव्य से एक शब्द वापस ले लिया और आसन ने भी इस शब्द को सदन की कार्यवाही से हटाने का निर्देश दिया। सदन में प्रश्नकाल के दौरान प्रधान ने द्रमुक सांसद टी सुमति के पूरक प्रश्न के उत्तर में एक टिप्पणी की थी।
सुमति ने आरोप लगाया था कि राष्ट्रीय शिक्षा नीति (एनईपी) को स्वीकार नहीं करने के कारण तमिलनाडु को पीएमश्री योजना के तहत आवंटित किए जाने वाले 2,000 करोड़ रुपये की केंद्रीय राशि अन्य राज्यों को हस्तांतरित कर दी गई है। इसके जवाब में शिक्षा मंत्री प्रधान ने द्रमुक पर तमिलनाडु में छात्रों के साथ अन्याय करने का आरोप लगाया।
मंत्री के बयान को लेकर द्रमुक सदस्यों ने विरोध किया और हंगामे के चलते सदन की कार्यवाही पूर्वाह्न करीब 11.30 बजे दोपहर 12 बजे तक के लिए स्थगित कर दी गई। कार्यवाही 12 बजे पुन: शुरू होने पर लोकसभा अध्यक्ष ओम बिरला ने द्रमुक सदस्य कनिमोझि को अपनी बात रखने के लिए कहा।
कनिमोझि ने कहा कि वह दुखी हैं कि केंद्रीय मंत्री ने तमिलनाडु के सांसदों, वहां की सरकार और राज्य के लोगों के बारे में इस तरह के शब्द का इस्तेमाल किया है। उन्होंने कहा कि तीन भाषाओं की नीति तमिलनाडु को स्वीकार्य नहीं है। प्रधान ने कहा, ‘‘मेरी प्रिय बहन ने जो कहा है, उसके बारे में मैं कहना चाहता हूं कि अगर मेरे शब्द से कोई आहत हुआ है तो मैं इस शब्द को वापस लेता हूं।''
इसके बाद बिरला ने कहा, ‘‘मैंने इस शब्द को रिकॉर्ड से निकाल दिया है।'' बाद में द्रमुक सदस्यों ने सदन से वाकआउट किया। सदन में टोका-टोकी के बीच ही द्रमुक सांसद दयानिधि ने कुछ टिप्पणी की, जिस पर बिरला ने आपत्ति जताई और कहा कि यदि आप सदन में बोलते हुए ऐसी टिप्पणी करते हैं तो कार्रवाई की जाएगी।
उन्होंने कहा, ‘‘संसद की मर्यादा से सदन से चलेगा। अगर सरकार (विपक्षी सदस्य की टिप्पणी के खिलाफ) प्रस्ताव नहीं लाना चाहती तो मुझे कार्रवाई करनी होगी।'' संसदीय कार्य मंत्री किरेन रीजीजू ने कहा, ‘‘आपने (बिरला) सारे पक्षों और सदस्यों को बराबर समय दिया है...आसन के ऊपर उंगलि उठाई गई है, मैं उसकी निंदा करता हूं। जरूरत पड़ने पर सदन की सहमति लेकर आगे कदम उठाया जाएगा।''
सरकार ने ताज महल में रिसाव की बात स्वीकारी
लोकसभा में सोमवार को सरकार ने इस बात को स्वीकार किया कि बारिश के दौरान ताजमहल में पानी के रिसाव की एक घटना सामने आयी तथा आश्वासन दिया कि वह ऐतिहासिक धरोहरों के संरक्षण के प्रति संवेदनशील है। केंद्रीय संस्कृति मंत्री गजेंद्र सिंह शेखावत ने प्रश्नकाल के दौरान एआईएमआईएम सांसद असदुद्दीन ओवैसी के पूरक प्रश्न के उत्तर में यह बात कही।
उन्होंने कहा, ‘‘जहां तक ताज महल के रखरखाव का विषय है तो यह बात सही है कि पानी के रिसाव की एक घटना सामने आई थी। लगातार बारिश के कारण जो स्थिति बनी, उसमें तुरंत सुधार किया गया है।'' उन्होंने कहा कि भारत सरकार पूरी तरह संवेदनशील है और ऐतिहासिक धरोहरों के संरक्षण के लिए काम कर रही है।
शेखावत ने कहा, ‘‘सरकार प्रतिबद्धता के साथ विरासत का सम्मान करते हुए विकास के लिए काम कर रही है।'' मंत्री ने एक अन्य प्रश्न के उत्तर में कहा कि देश में मोदी सरकार से पहले चंद लोगों को ‘पूजा पद्धति या वोट बैंक की ताकत के आधार पर' कुछ विशेषाधिकार मिलते थे जो समानता की श्रेणी में आने के बाद समाप्त हो गए हैं।
उन्होंने कहा कि मोदी सरकार ‘टीम इंडिया' के रूप में सबको साथ लेकर और सहकारी संघवाद के विचार के साथ काम करती है। ओवैसी ने पूरक प्रश्न पूछते हुए आरोप लगाया, ‘‘पिछले 50 साल से भारतीय पुरातत्व सर्वेक्षण (एएसआई) हिंदुत्व की विचारधारा को आगे बढ़ाने के लिए काम कर रहा है।'' उन्होंने पूछा, ‘‘एएसआई को ‘डिटॉक्सिफाई' (विषमुक्त) करने के लिए सरकार क्या कदम उठाएगी। क्या सरकार सुनिश्चित करेगी कि एएसआई संविधान के धर्मनिरपेक्षता और बहुलवाद के सिद्धांत के साथ काम करे?''
अपने उत्तर में शेखावत ने कहा, ‘‘50 साल के बारे में तो मैं टिप्पणी नहीं कर सकता, लेकिन पिछले 10 साल आठ महीने से प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी की सरकार ‘सबका साथ, सबका विकास, सबका विश्वास और सबका प्रयास' की विचारधारा के साथ साथ काम कर रही है।'' उन्होंने कहा, ‘‘कुछ लोगों को पूजा पद्धति या वोट बैंक की ताकत के आधार पर कुछ विशेषाधिाकार मिलते थे, लेकिन अब समानता की श्रेणी में आने की वजह से विशेषाधिकार समाप्त होने के बाद इस तरह का विचार शायद किसी के मन में आता होगा।''