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महर्षि दयांनद यूनिवर्सिटी की बढ़ायी फीस होगी वापस!

08:41 AM Jun 20, 2024 IST

चंडीगढ़, 19 जून (ट्रिन्यू)
रोहतक स्थित महर्षि दयानंद विश्वविद्यालय (एमडीयू) द्वारा विभिन्न संकायों व पाठ्यक्रमों में बढ़ाई गई फीस वापस हो सकती है। राज्य की शिक्षा मंत्री सीमा त्रिखा ने फीस बढ़ोतरी को पूरी तरह से गलत ठहराया है। फीस बढ़ोतरी का विपक्ष विरोध कर रहा है। विद्यार्थियों द्वारा भी आंदोलन किया जा रहा है। सीएम नायब सैनी के नोटिस में भी यह मामला आ चुका है। उन्होंने इस पर कड़ा संज्ञान लिया है।
सरकार फीस बढ़ोतरी के फैसले को वापस ले सकती है। बुधवार को चंडीगढ़ में पत्रकारों से बातचीत में शिक्षा मंत्री सीमा त्रिखा ने कहा, ‘एमडीयू में फीस बढ़ोतरी को मैं पूरी तरह से गलत मानती हूं। अगर फीस बढ़ानी भी है तो उसके लिए काउंसिल होनी चाहिए। उसमें चर्चा होनी चाहिए। सर्वसम्मति से फैसला होने के बाद ही इस पर निर्णय हो। ऐसा नहीं होना चाहिए कि ऐसे ही उठाकर फीस बढ़ा दें। यह मामला मुख्यमंत्री के नोटिस में है और जल्द ही इस पर चर्चा करके फैसला किया जाएगा।’ उन्होंने कहा कि नयी शिक्षा नीति को राज्य में तेजी से लागू किया जा रहा है। इसमें एकेडेमिक के साथ प्रैक्टिकल पढ़ाई पर जोर है। आज के दौर में विद्यार्थी परीक्षाओं में परसेंटेज के चक्कर में रहते हैं। इस वजह से तनाव बढ़ता है। नयी शिक्षा नीति में विद्यार्थियों को आत्मनिर्भर और स्वावलंबी बनाने पर जोर दिया जा रहा है। सीमा त्रिखा ने कहा कि म्यूजिक, ड्राइंग, ग्लोबल वार्मिंग में मड ट्रीटमेंट, नेचरोपैथी का प्रचलन बढ़ा है। लोग मिट्टी के बर्तनों का इस्तेमाल फिर से कर रहे हैं। नयी शिक्षा नीति में हर पहलू को टच किया है। इससे पहले, शिक्षा मंत्री ने वेलफेयर एसोसिएशन ऑफ मैनेजमेंट ऑफ प्राइवेट एडेड कॉलेज के प्रतिनिधमंडल से मुलाकात की। प्रतिनिधिमंडल के सदस्यों के साथ कैथल विधायक लीलाराम गुर्जर, एसोसिएशन के प्रेजिडेंट पूर्व विधायक तेजवीर सिंह, महासचिव सरदार एएस ओबेरॉय शामिल रहे। एसोसिएशन ने शिक्षा मंत्री से एडेड कॉलेजों में शैक्षणिक तथा गैर-शैक्षणिक स्वीकृत पदों में से रिक्त पदों को भरने की अनुमति देने की मांग की।
उन्होंने बताया कि दिसंबर-2023 में उच्चतर शिक्षा विभाग के निदेशक की ओर से राज्य के सभी गवर्नमेंट एडिड प्राइवेट कॉलेजों को एक पत्र भेजकर आगामी आदेशों तक शैक्षणिक तथा गैर-शैक्षणिक स्टॉफ की भर्ती न करने के निर्देश दिए थे। पहले दी गई अनुमति को भी वापस ले लिया गया था। निदेशक के इन निर्देशों के कारण अब प्रदेश के गवर्नमेंट एडिड प्राइवेट कॉलेजों में रिक्त पड़े (शैक्षणिक तथा गैर-शैक्षणिक) पदों को न भरने के कारण विद्यार्थियों की पढाई प्रभावित हो रही है। शिक्षा मंत्री ने एसोसिएशन के सदस्यों को आश्वासन दिया कि वे इस मामले का अध्ययन करवा कर सकारात्मक कार्रवाई करेंगी। उन्होंने कहा कि राज्य सरकार प्रदेश में उच्चतर शिक्षा में कई बदलाव लाकर युवाओं को आत्मनिर्भर करने की दिशा में कदम उठा रही है।
स्कूल के इंफ्रास्ट्रक्चर पर जोर
स्कूलों व कॉलेजों में सुविधाओं से जुड़े सवाल पर शिक्षा मंत्री ने कहा कि शिक्षा की गुणवत्ता के साथ इंफ्रास्ट्रक्चर पर जोर दिया जा रहा है। हमारी मानना है कि स्कूलों व कॉलेजों में कुछ ऐसे खर्चे हैं, जो कम होने चाहिए। इनमें सबसे अधिक बिजली का खर्चा है। इसीलिए स्कूलों एवं कॉलेजों में सोलर उर्जा प्लांट लगाने के निर्देश दिए हैं। 10 साल पुराने भवनों के अलावा नये बनने वाले सभी भवनों में सोलर प्लांट को अनिवार्य किया है।

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