दो निर्दलीय विधायकों और कांडा की बढ़ी अहमियत
चंडीगढ़ 9 मई (ट्रिन्यू)
हरियाणा में पिछले तीन-चार दिन से आए बड़े राजनीतिक बदलाव की वजह से सरकार को समर्थन दे रहे दो निर्दलीय विधायकों – पृथला से नयनपाल रावत व बादशाहपुर से राकेश दौलताबाद के अलावा सिरसा से हलोपा विधायक गोपाल कांडा की अहमियत बढ़ गई है। इतना ही नहीं, बहुमत के आंकड़े को ध्यान में रखते हुए अंदरखाने सरकार द्वारा जजपा के उन विधायकों से भी नये सिरे से बातचीत शुरू हो गई है जो लम्बे समय से पूर्व डिप्टी सीएम दुष्यंत चौटाला से नाराज हैं और भाजपा के साथ संपर्क में हैं। सरकार को इस बात का भरोसा है – अगर फ्लोर टेस्ट की नौबत आई तो उसे किसी तरह की दिक्कत नहीं आएगी। जजपा के कम से कम छह विधायकों की पार्टी नेतृत्व के प्रति चल रही नाराजगी की वजह से ही कांग्रेस भी जल्दबाजी में कोई कदम नहीं उठाना चाहती। इन्हीं विधायकों से भाजपा को भी उम्मीद है। सूत्रों का कहना है कि सरकार से समर्थन वापस लेकर कांग्रेस को समर्थन देने का ऐलान करने वाले सोमबीर सिंह सांगवान, धर्मपाल गोंदर और रणधीर सिंह गोलन को भी मनाने की कोशिश हो रही है। पूर्व डिप्टी सीएम दुष्यंत चौटाला द्वारा राज्यपाल को लिखी गई चिट्ठी में कहा है – अगर नायब सरकार फ्लोर टेस्ट में पास नहीं होती तो प्रदेश में तुरंत राष्ट्रपति शासन लागू कर विधानसभा के चुनाव करवाए जाने चाहिएं। इसे पूरे घटनाक्रम में सबसे बड़ी बात यह है कि विपक्ष सरकार को गिराने की ही बात कर रहा है। नई सरकार के गठन की कोशिश किसी भी ओर से नहीं हो रही है। दुष्यंत ने भाजपा सरकार पर नये तरीके से हार्स ट्रेडिंग करने के आरोप भी लगाए हैं।