1987 के दंगों को गृह विभाग ने माना छिपपुट घटनाएं : सुखसागर
हिसार, 22 मई (हप्र)
हरियाणा सिख गुरुद्वारा मैनेजमेंट कमेटी के सदस्य सरदार सुखसागर ने बुधवार को हिसार में पत्रकारों से बातचीत करते हुए कहा कि वर्ष 1987 के दौरान हुए दंगों को दंगा मानने के बारे में दायर पुनर्विचार याचिका पर प्रदेश के गृह विभाग ने केंद्रीय अल्पसंख्य आयोग को दी रिपोर्ट में मुख्य मांग को नजरअंदाज कर दिया और हिंसा को मात्र छिटपुट घटना बताया है।
सरदार सुखसागर ने कहा कि रिपोर्ट में केवल हिसार में हुई हिंसा से संबंधित जानकारी की भेजी है, जबकि पूरे प्रदेश में दंगे हुए थे। गृह विभाग ने हिसार के 229 दंगा पीडि़तों को 2000-2000 रुपये मुआवजा देने की सूची दी है, लेकिन इसे दंगा नहीं माना। सुखसागर ने बताया कि वे इस संबंध में पुन: अपना पक्ष राष्ट्रीय अल्पसंख्यक आयोग भारत सरकार के समक्ष रखेंगे और गृह विभाग हरियाणा द्वारा मांगों की अनदेखी व की गई खानापूर्ति से अवगत करवाएंगे। उन्होंने बताया कि गृह विभाग हरियाणा ने जो तथ्य पहले से मौजूद थे, उन्हीं को आयोग के सामने रख दिया, जबकि उन्होंने जिस बात का जिक्र किया उसकी कहीं कोई बात नहीं है।
उन्होंने कहा कि यह सभी को मालूम है कि वर्ष 1987 में हरियाणा में कई जगहों पर अचानक दंगे शुरू हो गए जिनमें हिसार शहर में सिख समुदाय की अनेक संस्थाओं व उनके घरों को नुकसान पहुंचाया गया व लूटपाट कर हत्याएं की गईं। हिसार शहर और आस-पास के इलाकों में भारी दंगा हुआ था। इसके साथ ही गुरुद्वारा सिंह सभा नागोरी गेट में श्री गुरुग्रंथ साहिब जी को भी आग के हवाले कर दिया गया था और श्री गुरुनानक स्कूल में भी लूटपाट व तोड़फोड़ की गई।