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Travelling In India : कसौली की पहाड़ियों में छुपा अंग्रेजों का इतिहास, भगवान हनुमान से भी जुड़ा खास कनैक्शन

11:50 PM Jun 19, 2025 IST
travelling in india   कसौली की पहाड़ियों में छुपा अंग्रेजों का इतिहास  भगवान हनुमान से भी जुड़ा खास कनैक्शन
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चंडीगढ़, 19 जून (ट्रिन्यू)

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Travelling In India : भारत के हिमाचल प्रदेश में कई खूबसूरत हिल स्टेशन हैं। इनमें से एक बेहद खास और आकर्षक है कसौली। इसे "गुलाबी हिल स्टेशन" भी कहा जाता है। यह नाम इसकी खूबसूरती, ठंडी हवाओं और गुलाबी रंग के सूर्योदय-शाम के लिए प्रसिद्ध है। कसौली अपनी प्राकृतिक सुंदरता, शांत वातावरण और ऐतिहासिक महत्व के कारण हर साल हजारों पर्यटकों को अपनी तरफ आकर्षित करता है। यह वह जगह है जहां प्रकृति और संस्कृति का अद्भुत मेल होता है। अगर आप हिमाचल की सैर पर जा रहे हैं और एक शांत, खूबसूरत व यादगार जगह की तलाश में हैं, तो कसौली आपके लिए परफेक्ट ऑप्शन है।

इसे क्यों कहा जाता है गुलाबी हिल स्टेशन?

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कसौली हिमाचल प्रदेश के सिरमौर जिले में स्थित एक छोटा और खूबसूरत हिल स्टेशन है। यह लगभग 1,927 मीटर (6,322 फीट) की ऊंचाई पर बसा है। चंडीगढ़ से लगभग 60 किलोमीटर दूर है। कसौली को 'गुलाबी हिल स्टेशन' इसलिए कहा जाता है क्योंकि यहां सूरज की पहली किरणें पहाड़ों और जंगलों को गुलाबी रंग में रंग देती हैं। यहां की सुबह और शाम के समय का दृश्य बेहद मनमोहक होता है, जो पर्यटकों को मंत्रमुग्ध कर देता है।

देखने को मिलेगी ब्रिटिश काल की विरासत

कसौली की ठंडी वादियां, हरियाली, साफ-स्वच्छ वातावरण और पुराने ब्रिटिश जमाने की वास्तुकला इसे एक आदर्श पर्यटन स्थल बनाती हैं। कसौली में कई पुराने चर्च, स्कूल और अस्पताल हैं, जो ब्रिटिश काल की छाप छोड़ते हैं। ये इमारतें कसौली को एक ऐतिहासिक और सांस्कृतिक महत्व प्रदान करती हैं। इतिहासकारों के मुताबिक, ब्रिटिश अधिकारी हेनरी लॉरेंस की बच्ची का 1841 में मलेरिया से निधन हो गया था, जिसे यहीं दफनाया गया था। अपनी बेटी की याद में हेनरी ने यहां एक झोपड़ी भी बनवाई, जिसे सनीसाइड के नाम से जाना जाता है। इसके बाद यहां धीरे-धीरे पर्यटकों की संख्या बढ़ने लगी।

मंकी पॉइंट

कसौली के इस सबसे ऊंचा स्थान पर भगवान हनुमान का एक छोटा-सा मंदिर भी बना हुआ है, जहां बंदरों का जमावड़ा लगा रहता है। पौराणिक कथाओं के अनुसार, भगवान राम के छोटे भाई लक्ष्मण जब मूर्छित हो गए थे तो श्री हनुमान संजीवनी बूटी लेने गए थे। जब वह हिमालय से गुजर रहे थे तो उन्होंने इसी जगह अपना दाया पांव टिकाया था, जहां आज एक मंदिर बनाया गया है। इसके अलावा आपको यहां रामायणकाल से जुड़ी कुछ इतिहासिक चीजें भी देखने को मिलेगी। इस जगह की सबसे खास बात ये है कि यहां से आप चंडीगढ़, कालका, पंचकुला और सतलुज नदी का अद्भुत नजारा देख सकते हैं। यह कसौली का एक प्रसिद्ध पर्यटन स्थल है, जहां से हिमालय के पहाड़ों का शानदार नजारा दिखाई देता है।

गुलाबी रंग की शामें

कसौली की पहाड़ियों पर जब सूरज ढलता है, तो पूरे क्षेत्र पर गुलाबी रंग की छटा छा जाती है। यही वजह है कि इसे गुलाबी हिल स्टेशन कहा जाता है। चित्रकारों और फोटोग्राफरों के लिए ये नजारें किसी स्वर्ग की तरह है। इसके अलााव यहां हरे-भरे देवदार के जंगल, पाइन के पेड़ और खुली वादियां देखने को मिलती हैं।

मन मोह लेगा शांत वातावरण

कसौली में शोर-शराबे से दूर, एक शांत और सुकून देने वाला माहौल होता है। यह उन लोगों के लिए आदर्श जगह है जो शहर की भागदौड़ से दूर जाकर प्रकृति के बीच समय बिताना चाहते हैं। बच्चों के साथ आप यहां टॉय ट्रेन का मजा भी ले सकते हैं।

गिल्विन हाउस और कसौली क्रिश्चियन चर्च

ब्रिटिश काल का यह पुराना घर अब कसौली का एक संग्रहालय बन चुका है। यहां कसौली की ऐतिहासिक वस्तुएं और स्थानीय संस्कृति को दर्शाया गया है। इसके अलावा कसौली क्रिश्चियन चर्च ब्रिटिश जमाने में बनाई गई था और अपनी पुरानी वास्तुकला के लिए आज भी टूरिस्ट के बीच प्रसिद्ध है। यह कसौली का एक धार्मिक और सांस्कृतिक केंद्र भी है।

टाइगर पॉइंट और जंगल सफारी

यह स्थल खास तौर पर सूर्योदय देखने के लिए जाना जाता है। यहां से हिमालय की श्रृंखला और कांगड़ा घाटी की सुंदरता का आनंद लिया जा सकता है। कसौली के आसपास के जंगलों में ट्रेकिंग और जंगल सफारी का भी आनंद लिया जा सकता है। यहां वन्यजीव और पक्षी प्रजातियां भी देखने को मिलती हैं।

कसौली में घूमने का सबसे अच्छा समय

कसौली की सैर के लिए सबसे अच्छा समय मार्च से जून और सितंबर से नवंबर तक का होता है। इन महीनों में मौसम सुहावना रहता है, ना बहुत गर्मी होती है और ना ही ज्यादा ठंड। इसके अलावा, मानसून के बाद कसौली की हरियाली और भी बढ़ जाती है लेकिन बारिश के कारण यात्रा थोड़ी मुश्किल हो सकती है।

कसौली के खान-पान और स्थानीय संस्कृति

कसौली में आपको हिमाचली व्यंजनों का स्वाद चखने का मौका मिलेगा। यहां के लोकल ढाबों में साधारण लेकिन स्वादिष्ट खाना मिलता है, जैसे कि सड़ा भुट्टा, चूड़ा-भात, ट्राउट मछली और स्थानीय चाय। स्थानीय लोग बहुत मेहमाननवाज और सरल स्वभाव के होते हैं। यहां की संस्कृति में पारंपरिक हिमाचली त्योहार, लोक संगीत और नृत्य शामिल हैं, जो पर्यटकों को यहां के जीवन का एक अनोखा अनुभव देते हैं।

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