स्वास्थ्य सुविधाओं से जुड़े पदों को भरने में देरी से हाई कोर्ट नाराज
शिमला, 2 सितंबर (हप्र)
हिमाचल प्रदेश हाईकोर्ट ने सरकार द्वारा स्वास्थ्य सुविधाओं से जुड़े पदों को भरने में देरी पर कड़ा संज्ञान लिया है। मुख्य न्यायाधीश एम एस रामचंद्र राव और न्यायाधीश सत्येन वैद्य की खंडपीठ ने स्वास्थ्य सचिव से पूछा है कि प्रदेश के विभिन्न स्वास्थ्य केंद्रों में चिकित्सकों समेत अन्य स्टाफ के 1450 रिक्त पड़े पदों को कब तक भर लिया जाएगा। कोर्ट ने सरकार के इन पदों को भरने के लिए अपनाई जा रही टालमटोल रणनीति को स्पष्ट करने को भी कहा। प्रदेश सरकार की ओर से अदालत में पेश स्टेट्स रिपोर्ट में बताया गया कि विभिन्न प्राथमिक स्वास्थ्य केंद्रों में 25 मेडिकल ऑफिसरों की तैनाती कर दी गई है जबकि जिन 49 सरप्लस मेडिकल ऑफिसरों की तैनाती पहले नहीं की जा सकी थी उनमें से 33 चिकित्सकों की तैनाती भी रिक्त पदों पर कर दी गई है। कोर्ट को बताया गया कि 200 चिकित्सकों सहित स्वास्थ्य सेवाओं से जुड़े अन्य 1450 पदों को भरने का मसौदा भी तैयार किया जा रहा है।
कोर्ट ने स्टेट्स रिपोर्ट का अवलोकन करने पर पाया कि इसमें उक्त पदों को भरने की कोई समय सीमा निर्धारित नहीं की गई है। कोर्ट ने सरकार को 16 सितम्बर तक इस बाबत स्थिति स्पष्ट करने के आदेश जारी किए।
जनहित याचिका की सुनवाई के दौरान कोर्ट को सरकार की ओर से बताया गया था कि रोहडू हॉस्पिटल में 33 स्टाफ नर्सों के पदों में से 13 पद लोक सेवा आयोग द्वारा तैयार किए गए वेटिंग पैनल से भरे जाने है जबकि 20 पद बैच वाइज भरे जाने है। कोर्ट ने आश्चर्य प्रकट किया था कि जो बात सरकार की ओर से अभी बताई जा रही है वही बात 2 महीने पहले भी कोर्ट को बताई गई थी। सिविल अस्पताल रोहड़ू में पैरा मेडिकल स्टाफ की कमी के कारण मरीज मरहम पट्टी के लिए भटक रहे है। मामले पर अगली सुनवाई 16 सितम्बर को निर्धारित की गई है।