हाईकोर्ट ने रद्द की गांव कालांवाली को शहर में शामिल करने की अधिसूचना
रोहित जैन/निस
कालांवाली, 5 दिसंबर
नगरपालिका प्रशासन द्वारा गांव कालांवाली को शहर सीमा में शामिल करने के अरमानों पर पानी फिर गया है।
गांव कालांवाली को शहरी सीमा में शामिल करने के नोटिफिकेशन के विरुद्ध पंचायत को हाईकोर्ट में जीत हासिल हुई है।
अब गांव कालांवाली को शहर में शामिल नहीं किया जाएगा। इस पर गांव कालांवाली के ग्रामीणों ने मिठाई बांटकर अपनी खुशी जाहिर की है। इसके साथ ही अब नगरपालिका चुनाव का रास्ता भी साफ हो गया है। ग्रामीणों सरपंच अजैब सिंह, गुरतेज सिंह सोढ़ी, अमर सिंह नूना, बाबू सिंह, सोनू सिंह ने बताया कि पिछली सरकार ने वर्ष 2022-23 में गांव कालांवाली को शहरी सीमा में शामिल करने के लिए नोटिफिकेशन जारी किया था, लेकिन पूरी पंचायत व ग्रामीणों ने इसका विरोध किया था।
इसको लेकर पंचायत ने हाईकोर्ट का दरवाजा खटखटाया था। न्यायालय ने माना कि यह कदम प्राकृतिक न्याय सिद्धांतों का पालन करने में विफल रहा है और निवासियों की आपत्तियों को नजरअंदाज किया। इससे गांव के कृषि चरित्र पर काफी असर पड़ा।
इसको लेकर हाईकोर्ट ने सरकार के फैसले को बदलते हुए अधिसूचना को रद्द कर दिया है। पंचायत के एडवोकेट बीएस मित्तल ने कहा कि जज सुरेशा ठाकुर व सुदीप्ति शर्मा ने पंचायत के केस नंबर 11697, जो 20 मई, 2023 को रजिस्टर किया गया था।
इसमें केस आर्डर कर 19 नवंबर, 2024 को रिजर्व रखा और 3 दिसंबर को अपना फैसला सुनाया है। इससे अब गांव कालांवाली को शहर में शामिल नहीं किया जाएगा।
1986 से 2003 तक शहर का हिस्सा रहा गांव
सरपंच अजैब सिंह ने बताया कि इससे पहले गांव कालांवाली 1986 से 2003 तक नगरपालिका का हिस्सा रहा है। इस दौरान गांव में कोई विकास कार्य नहीं हुए, बल्कि नगरपालिका की आड़ में पंचायती कृषि भूमि हैफेड विभाग को ट्रांसफर कर दी। इसके बाद लोगों ने मांग उठाई तो शहर से बाहर कर दिया और फिर से पंचायत बहाल हुई। ग्रामीण नगरपालिका क्षेत्र में शामिल किये जाने के विरुद्ध हैं। इससे पंचायत में भी विकास कार्य अटके हुए थे। अब पंचायत बेहतरीन काम करवाएगी।