हाईकोर्ट ने मुख्य सचिव से चार हफ्तों में मांगा अवमानना याचिका का जवाब
शिमला, 15 जुलाई (हप्र)
हिमाचल प्रदेश हाईकोर्ट ने अदालती आदेशों के बावजूद छठे वेतन आयोग के वित्तीय लाभ न देने से जुड़े मामले में मुख्य सचिव प्रबोध सक्सेना को नोटिस जारी कर चार सप्ताह के भीतर अवमानना याचिका का जवाब देने अथवा अनुपालना शपथपत्र दाखिल करने के आदेश जारी किए हैं। हिमाचल प्रदेश सचिवालय और इससे सम्बद्धता रखने वाली पेंशनर कल्याण एसोसिएशन द्वारा प्रतिवादी अधिकारियों पर अदालती आदेशों की अवमानना का आरोप लगाते हुए यह अवमानना याचिका दायर की गई है।
हाईकोर्ट ने 22 मार्च 2024 को अपने फैसले में सरकार को आदेश दिए थे कि वह एसोसिएशन के सदस्यों को छट्ठे वेतन आयोग के वित्तीय लाभ 6 फ़ीसदी ब्याज सहित अदा करे। कोर्ट ने सरकार को 6 सप्ताह के भीतर बढ़ी हुई पेंशन की बकाया राशि 6 फीसदी ब्याज सहित देने को कहा था। कोर्ट द्वारा दिए गए समय के भीतर पेंशनरों को यह लाभ न देने पर दायर अवमानना याचिका की प्रारंभिक सुनवाई के पश्चात न्यायाधीश ज्योत्सना रिवाल दुआ ने मुख्य सचिव सहित अन्य प्रतिवादियों को नोटिस जारी कर जवाब तलब किया। उल्लेखनीय है कि उक्त एसोसिएशन की याचिका को स्वीकारते हुए कोर्ट ने कहा था कि सरकार वित्तीय संकट के नाम पर पेंशनरों के वित्तीय लाभ न तो रोक सकती है और न ही देने से इनकार कर सकती है। सरकार संसाधनों की कमी के नाम पर पेंशनरों के लाभ अनिश्चित काल तक प्रतिबंधित भी नहीं कर सकती।