दवा की दुकानों पर स्वास्थ्य विभाग की पैनी नजर
करनाल, 20 जून (हप्र)
नशे पर नकेल कसने के लिए जिले में मेडिकल स्टोरों पर स्वास्थ्य विभाग की पैनी नजर है। मेडिकल स्टोरों पर प्रतिबंधित दवाएं बेचने से रोकने के लिए खाद्य एवं औषधि प्रशासन विभाग लगातार चेकिंग अभियान चलाएं हुए है। चैकिंग अभियान की बात करें तो विभाग द्वारा जनवरी माह से अब तक 400 मेडिकल स्टोरों की चेकिंग की जा चुकी हैं। 60 मेडिकल स्टोरों से सैंपल भरे गए, जबकि एक को सील किया गया। यहीं नहीं विभाग द्वारा 7 मेडिकल स्टोर संचालकों के खिलाफ केस दर्ज करवाए गए हैं।
सीनियर ड्रग्स कंट्रोल ऑफिसर गुरचरण सिंह ने बताया कि विभाग की टीम जिले भर में लगातार चेकिंग करती हैं, अनियमितताएं पाए जाने पर मेडिकल स्टोर का लाईसेंस सस्पेंड, स्टोर को सील करना ओर कोर्ट केस तक करवाएं जाते हैं। उन्होंने कहा कि विभाग की टीम ने करीब साढ़े पांच माह में 60 मेडिकल स्टोरों के लाईसेंस सस्पेंड किए जा चुके हैं, एक मेडिकल स्टोर का लाईसेंस तक कैसिंल किया जा चुका हैं।
शिकायत पर त्वरित कार्यवाई
गुरचरण सिंह ने बताया कि चैकिंग तो लगातार चलती ही रहती हैं, साथ ही अगर विभाग के पास कोई शिकायत आती है तो उस पर भी त्वरित कार्रवाई अमल में लाई जाती हैं।
उन्होंने कहा कि जिले में 1900 लाईसेंसशुद्धा मेडिकल स्टोर चल रहे है। एक भी ऐसा मेडिकल स्टोर संचालित नहीं है, जिसके पास लाईसेंस नहीं है क्योंकि विभाग पूरे जिले के मेडिकल स्टोरों पर बारीकी से नजर रखता हैं। अगर कही पर भी कोई अनियमितता मिलती हैं तो तुरंत ही एक्शन लिया जाता है।
ग्रामीणों की मांग, मेडिकल स्टोर संचालक न करें प्रैक्टिस
ग्रामीणों ने बताया कि उनके क्षेत्रों में अक्सर देखने को मिल जाता है कि कुछ मेडिकल स्टोर संचालक दवा बेचने के साथ-साथ दवाईयां भी मरीजों को अपने आप देते हैं और मेडिकल प्रैक्टिस भी करते हैं। जो नियमों के बिल्कुल खिलाफ होता हैं, यहीं नहीं कई स्टोर संचालक मरीजों को बिना डॉक्टरों की दवा लिखी पर्ची बगैर भी दवा देते है।
ग्रामीणों ने कहा कि जो काम डिग्रीधारक डॉक्टर को करने चाहिए, वे काम कई मेडिकल स्टोर संचालक करते नजर आते हैं। ग्रामीणों की मांग है कि ऐसे मेडिकल स्टोर संचालकों के खिलाफ नियम अनुसार कानूनी कार्रवाई अमल में लाई जाए।