मेहनतकशों को बाहर का रास्ता, चहेतों को बड़े पदों पर नियुक्ति : भाजपा
शिमला, 3 जनवरी(हप्र)
हिमाचल प्रदेश के प्रीमियर स्वास्थ्य संस्थान आईजीएमसी शिमला में कोरोनाकाल के मुश्किल समय से सेवाएं दे रहे 132 आउटसोर्स कर्मियों की सेवाओं को समाप्त करने के प्रदेश की सुक्खू सरकार के फैसले पर विपक्षी दल भाजपा ने भौहें चढ़ा ली हैं। भाजपा ने सुक्खू सरकार के इस फैसले को असंवेदनशीलता और तानाशाही रवैया करार दिया है। हिमाचल प्रदेश भाजपा के मुख्य प्रवक्ता व विधायक राकेश जम्वाल ने शुक्रवार को शिमला में सरकार को आड़े हाथों लेते हुए कहा कि एक ओर सरकार ने विधानसभा चुनाव में एक लाख सरकारी नौकरियां देने की गारंटी दी थी, वहीं अब दूसरी ओर छोटी-छोटी नौकरियों पर कार्यरत मेहनतकश युवाओं को बेरोजगार कर रही है। भाजपा प्रवक्ता ने कहा कि पहली कैबिनेट में नियमित नौकरियां देने का वादा करने वाली सरकार ने न केवल आउटसोर्स कर्मचारियों की रोजी-रोटी छीनी, बल्कि दो साल से खाली पड़े डेढ़ लाख पदों को भी समाप्त कर दिया। यह वही कर्मचारी हैं जिन्होंने कोविड महामारी के दौरान अपनी जान जोखिम में डालकर स्वास्थ्य सेवाओं को सुचारू रूप से चलाने में महत्वपूर्ण योगदान दिया था। अब इन्हें बिना किसी कारण के नौकरी से निकालना न केवल अन्यायपूर्ण है, बल्कि इनके परिवारों की आजीविका पर भी गंभीर संकट खड़ा कर रहा है। राकेश जम्वाल ने स्वास्थ्य जैसे अहम विभाग में इस तरह के फैसले को दुर्भाग्यपूर्ण करार दिया। उन्होंने कहा कि जहां सरकार बड़े पदों पर रिटायर हो चुके अपने चहेतों को दोबारा नियुक्त कर रही है, वहीं मेहनतकश कर्मचारियों को बेरोजगारी की ओर धकेला जा रहा है।
भाजपा करेगी संघर्ष
राकेश जम्वाल ने कहा कि प्रभावित कर्मचारियों ने अनिश्चितकालीन हड़ताल का ऐलान किया है, जिससे प्रदेश की स्वास्थ्य सेवाएं ठप हो सकती हैं। भाजपा ने मांग की है कि इन कर्मचारियों की सेवाएं तुरंत बहाल की जाएं। यदि ऐसा नहीं हुआ तो पार्टी सड़कों पर उतरकर इस अन्याय के खिलाफ आवाज बुलंद करेगी। उन्होंने कहा कि सरकार को अपने भेदभावपूर्ण नीतियों पर पुनर्विचार करना चाहिए और जनता के हित में फैसले लेने चाहिए। अगर सरकार ने जल्द ही कोई ठोस कदम नहीं उठाया, तो प्रदेश में जनआक्रोश और अधिक बढ़ेगा।