‘साइकिल’ के साथ चल सकता है ‘हाथ’
चंडीगढ़, 22 जून (ट्रिन्यू)
हरियाणा में लोकसभा चुनाव आम आदमी पार्टी (आप) के साथ मिलकर लड़ने वाली कांग्रेस विधानसभा चुनाव में उत्तर प्रदेश की समाजवादी पार्टी (सपा) के साथ ‘हाथ’ मिला सकती है। दिल्ली के स्तर पर दोनों पार्टियों के वरिष्ठ नेताओं के बीच गठबंधन को लेकर बातचीत शुरू हो चुकी है। यह बात भी इसलिए शुरू हुई, क्योंकि यूपी में विधानसभा की दस सीटों पर होने वाले उपचुनाव में कांग्रेस ने गठबंधन में चुनाव लड़ने की इच्छा जताई है।
लोकसभा का चुनाव कांग्रेस और सपा ने यूपी में मिलकर लड़ा था। दोनों पार्टियों के गठबंधन के अच्छे नतीजे आए। ऐसे में अब दोनों पार्टियां मिलकर विधानसभा चुनाव लड़ने की संभावनाओं पर विचार कर रही है। यूपी में विधानसभा की दस सीटें रिक्त हुई हैं। इनमें से नौ सीटें विधायक से सांसद बनने की वजह से खाली हुई हैं। वहीं, कानपुर के सीसामऊ सीट सपा विधायक इरफान सोलंकी की सदस्यता रद्द होने के बाद खाली हुई है।
उत्तर प्रदेश में खाली हुई विधानसभा की दस सीटों में से पांच सपा, तीन भाजपा, एक रालोद और एक निषाद पार्टी की है। इन सभी सीटों पर उपचुनाव होना है। कांग्रेस विधानसभा उपचुनाव सपा के साथ गठबंधन करके लड़ना चाहती है। सूत्रों का कहना है कि सपा की ओर से कांग्रेस के साथ गठबंधन में चुनाव लड़ने पर पॉजिटिव संकेत दिए गए हैं। लेकिन सपा खुद को राष्ट्रीय दल के तौर पर राजनीति में स्थापित करने के लिए कांग्रेस के साथ मिलकर हरियाणा और महाराष्ट्र में विधानसभा चुनाव लड़ना चाहती है।
दिल्ली से जुड़े सूत्रों का कहना है कि सपा नेतृत्व की ओर से इस संदर्भ में कांग्रेस को मैसेज भेजा जा चुका है। आने वाले दिनों में दोनों पार्टियों के वरिष्ठ नेताओं के बीच नयी दिल्ली में बैठक हो सकती है। माना जा रहा है कि सपा द्वारा की जा रही मांग पर अंतिम फैसला कांग्रेस अध्यक्ष मल्लिका अर्जुन खड़गे और वरिष्ठ नेता राहुल गांधी के स्तर पर होगा। पिछले साल मध्य प्रदेश, राजस्थान व छत्तीसगढ़ सहित पांच राज्यों में हुए विधानसभा चुनावों के दौरान भी सपा और कांग्रेस के बीच बातचीत चली थी। सपा मध्य प्रदेश में विधानसभा चुनाव कांग्रेस के साथ मिलकर लड़ना चाहती थी, लेकिन उस समय मध्य प्रदेश के पूर्व सीएम कमलनाथ के बयान के चलते दोनों पार्टियों के रिश्ते तल्ख हो गए। बताते हैं कि सपा की ओर से हरियाणा में मुस्लिम व यादव बहुल सीटों की डिमांड की है। सपा हरियाणा में विधानसभा की 90 में से 15 से 20 सीटों की मांग कर रही है। इससे पहले लोकसभाव चुनावों में दस सीटों में से कांग्रेस ने कुरुक्षेत्र सीट इंडिया गठबंधन के तहत आम आदमी पार्टी (आप) को दी थी।