अधिनियम रद्द करने पर राज्यपाल ने मांगा जवाब
प्रतिभा चौहान/ट्रिन्यू
शिमला, 5 जुलाई
हिमाचल के राज्यपाल शिव प्रताप शुक्ला ने 1975 में आपातकाल के दौरान गिरफ्तार किए गए लोगों को सम्मान राशि प्रदान करने के लिए पिछली भाजपा सरकार द्वारा 2021 में बनाए गए लोकतंत्र प्रहरी सम्मान अधिनियम को रद्द करने पर राज्य सरकार से स्पष्टीकरण मांगा है।
हिमाचल में आपातकाल के दौरान गिरफ्तार किए गए लोगों को ‘सम्मान राशि’ देने पर भाजपा सरकार ने 3.43 करोड़ रुपये खर्च किए थे। 25 जून 1975 से 21 मार्च 1977 के बीच गिरफ्तार किए गए लोगों को हिरासत की अवधि के आधार पर 12 हजार रुपये और 20 हजार रुपये देने का प्रावधान किया गया था।
अधिनियम को रद्द करने के खिलाफ भाजपा की याचिका के बावजूद, कांग्रेस सरकार ने इसे आगे बढ़ाने का फैसला किया, क्योंकि इसके तहत लाभार्थियों की संख्या लगभग 80 थी। अब इसे करीब तीन महीने से राज्यपाल की मंजूरी का इंतजार है। सूत्रों का कहना है कि राज्यपाल ने सरकार से पूछा है कि कानून बनाने का उद्देश्य पूरा हुआ या नहीं। अधिनियम को निरस्त करने के कदम का बचाव करते हुए, राज्य सरकार ने तर्क दिया था कि इसके तहत आने वाले अधिकांश लोग पहले से ही पेंशन प्राप्त कर रहे थे। साथ ही, बाहरी राज्यों के कई लोगों को केवल इसलिए लाभ दिया जा रहा था, क्योंकि वे हिमाचल की जेलों में बंद थे।