सरकार जल्द लॉन्च करेगी आयुष्मान भारत TG-प्लस कार्ड
- ट्रिब्यून न्यूज सर्विस
चंडीगढ़ 26 सितंबर
चंडीगढ़ में आयोजित पहले एशिया-प्रशांत और तीसरे राष्ट्रीय LGBTQI स्वास्थ्य सम्मेलन का उद्घाटन आज हुआ। यह सम्मेलन LGBTQI समुदाय के स्वास्थ्य और अधिकारों को बढ़ावा देने के उद्देश्य से आयोजित किया गया है, जहां एशिया-प्रशांत क्षेत्र से स्वास्थ्य विशेषज्ञ, शोधकर्ता और LGBTQI समुदाय के प्रतिनिधि एकत्र हुए हैं। सम्मेलन का आयोजन स्नातकोत्तर चिकित्सा शिक्षा एवं अनुसंधान संस्थान (PGIMER), हमसफर ट्रस्ट और सेंट्रल फॉर सेक्सुएलिटी एंड हेल्थ रिसर्च एंड पॉलिसी (C-SHaRP) द्वारा किया गया।
सामाजिक न्याय और अधिकारिता मंत्रालय की संयुक्त सचिव, सुश्री राधिका चक्रवर्ती ने घोषणा की कि सरकार LGBTQI समुदाय के लिए **आयुष्मान भारत TG-प्लस कार्ड** लाने जा रही है। यह कार्ड ट्रांसजेंडर व्यक्तियों के लिए लिंग-पुष्टि सेवाओं के खर्च को ₹5 लाख प्रति वर्ष तक कवर करेगा। इस पहल से भारत, एशिया-प्रशांत क्षेत्र के उन पहले देशों में शामिल हो जाएगा जो इस तरह की स्वास्थ्य सेवाओं को कवर करते हैं।
LGBTQI समुदाय के अधिकार और स्वास्थ्य सेवाएं
UNAIDS एशिया प्रशांत के निदेशक श्री इमोन मर्फी ने U=U (Undetectable = Untransmittable) अवधारणा पर जोर देते हुए कहा कि इसका मतलब है कि हर व्यक्ति समान है। उन्होंने कहा कि LGBTQI समुदाय के साथ न्याय करना केवल एक स्वास्थ्य विषय नहीं, बल्कि एक मानवाधिकार का मुद्दा है.
लिंग-पुष्टि सेवाओं को मुफ्त किया जाना चाहिए।"
— डॉ. थनापोब बुमफेनकियाटीकुल
महत्वपूर्ण वक्ता और उनके विचार
- राधिका चक्रवर्ती**: LGBTQI समुदाय के लिए जल्द ही आयुष्मान भारत TG-प्लस कार्ड** उपलब्ध होगा, जो ट्रांसजेंडर व्यक्तियों के लिए स्वास्थ्य सेवाओं के खर्च को कवर करेगा।
- इमोन मर्फी**: उन्होंने U=U अवधारणा पर बल देते हुए कहा कि सभी लोग समान हैं और LGBTQI समुदाय को समान अधिकार मिलना चाहिए।
- मिशेल मरीन लैंग-एली** और **सुश्री इसाबेल त्सचान**: दोनों ने LGBTQI समुदाय के अधिकारों की सुरक्षा और उनके लिए स्वास्थ्य सेवाओं में सुधार का समर्थन किया।
सम्मेलन के उद्देश्य और भविष्य की योजनाएं
यह सम्मेलन LGBTQI समुदाय के लिए स्वास्थ्य देखभाल सेवाओं में सुधार और उनके अधिकारों की सुरक्षा के लिए एक महत्वपूर्ण कदम है। आने वाले दिनों में, इस सम्मेलन में LGBTQI समुदाय के लिए स्वास्थ्य सेवाओं और कानूनों में सुधार पर चर्चा की जाएगी।