सरकार पुलिस विभाग के आधुनिकीकरण के लिए देगी हरसंभव मदद
शिमला, 7 जनवरी(हप्र)
हिमाचल प्रदेश सरकार पुलिस विभाग के आधुनिकीकरण के लिए हर संभव सहयोग प्रदान करेगी। सरकार बेहतर जनसेवा सुनिश्चित करने के लिए पुलिस थानों को जनसंख्या, भौगोलिक कारक, ग्रामीण और शहरी आधार पर वर्गीकृत भी करेगी और इनकी कार्य क्षमता को बेहतर बनाने के लिए आवश्यक स्टाफ भी उपलब्ध करवाया जाएगा। पंजीकृत पुलिस चौकियों को एफआईआर दर्ज करने का अधिकार प्रदान किया जाएगा, जिसके लिए इन चौकियों को अपराध और अपराधिक ट्रैकिंग नेटवर्क प्रणाली (सीसीटीएनएस) से भी जोड़ा जाएगा। ये बात मुख्यमंत्री सुखविंद्र सिंह सुक्खू ने आज शिमला में पुलिस विभाग की समीक्षा बैठक की अध्यक्षता करते हुए कही। मुख्यमंत्री ने कहा कि कर्मचारियों की कमी को दूर करने के लिए प्रदेश सरकार शीघ्र ही खाली पदों को भरेगी। उन्होंने कहा कि 1226 पुलिस जवान और 30 सब-इन्सपेक्टरों की भर्ती प्रक्रिया जारी है। उन्होंने कहा कि ड्रग माफिया के खिलाफ प्रदेश में एंटी ड्रग एक्ट बनाया जाएगा। मुख्यमंत्री सुखविंद्र सिंह सुक्खू ने कहा कि पुलिस विभाग में डेटा संग्रहित और व्यवस्थित करने के लिए एक डेटा वेयरहाउस और क्लियरिंग एजेंसी भी स्थापित की जाएगी। इसके माध्यम से विभिन्न एजेंसियों से डेटा विश्लेषण और निर्णय लेने में मदद मिलेगी। उन्होंने कार्यप्रणाली में सुधार और परिचालन कार्य क्षमता को बढ़ाने के लिए अत्याधुनिक तकनीक अपनाने की आवश्यकता पर भी बल दिया।
उन्होंने कहा कि प्रदेश सरकार राज्य आपदा प्रतिक्रिया बल और अग्निशमन विभाग को विभाग को सुदृढ़ कर रही है, ताकि इसकी कार्य क्षमता को बढ़ाया जा सके। उन्होंने कहा कि गृह रक्षक के 700 पद भरे जा रहे हैं। उन्होंने विभाग में अतिरिक्त कार्य क्षमता का ब्योरा तैयार करने के भी निर्देश दिए। उन्होंने कहा कि प्रदेश सरकार 86 नियमित प्रतिक्रिया केन्द्रों के डिजिटलीकरण के लिए पर्याप्त वित्तीय सहायता प्रदान करेगी। उन्होंने कहा कि कानून एवं व्यवस्था बनाए रखने के लिए विभिन्न बोर्डों और निगमों के लिए गृह रक्षक तैनात किए जाएंगे। उन्होंने कहा कि अग्निशमन सेवाओं को आधुनिक बनाया जाएगा और इसके लिए 19.40 करोड़ रुपये की पहली किश्त शीघ्र जारी की जाएंगी।
2024 में साइबर अपराध की 11,892 शिकायतें दर्ज
मुख्यमंत्री ने राज्य में साइबर अपराध के मामलों पर गहरी चिंता व्यक्त करते हुए कहा कि वर्ष 2024 साइबर अपराध की 11,892 शिकायतें दर्ज की गई हैं, जिनमें कुल 114.94 करोड़ रुपये की धोखाधड़ी शामिल है। उन्होंने कहा कि साइबर सेल में इनमें से 11.59 करोड़ रुपये सफलतापूर्वक ब्लॉक किये हैं, जो कुल धोखाधड़ी का 10.08 प्रतिशत है। उन्होंने साइबर अपराधों के प्रति जागरूकता बढ़ाने और अपराधियों के खिलाफ कड़ी कार्रवाई सुनिश्चित करने के निर्देश दिए। उन्होंने कहा कि प्रदेश सरकार कानून प्रवर्तन और आपातकाल सेवाओं को और अधिक मजबूत बनाने के अलावा साइबर अपराध और आपदा प्रबंधन संबंधी चुनौतियों से लड़ने के लिए प्रतिबद्धता से कार्य कर रही है।