सरकार पर किसानों को अंधेरे में रख कर जमीन अधिग्रहण करने के आरोप, गुस्साई लोगों ने की नारेबाजी
योगराय भाटिया/निस
बीबीएन, 5 अगस्त
बद्दी-नालागढ़ फोरलेन के भूमि अधिग्रहण में किसानों ने मनमाने मुआवजे के खिलाफ सरकार के खिलाफ रोष प्रकट कर जम कर नारेबाजी की। शुक्रवार को खरूणी मेें तहसील बद्दी जन कल्याण सभा के अध्यक्ष चरणदास की अध्यक्षता में हुई बैठक में सभा के पदाधिकारियों ने सरकार पर किसानों को अंधेरे में रख कर जमीन अधिग्रहण करने के आरोप जड़े। उन्होंने कहा कि फोरलेन के लिए भूमि अधिग्रहण में तैनात कुछ अधिकारियों ने किसानों के साथ भेदभाव किया है। लगभग 18 किलोमीटर लंबाई वाले इस प्रस्तावित फोरलेन में किसानों को लगभग 25 अलग-अलग केटेगरी के रेट पर में भूमि का मुआवजा दिया गया है जो किसानों के गले नहीं उतर रहा है। सभा के पदाधिकारियों ने कहा कि भूमि अधिग्रहण में प्रशासन ने हर गांव को अलग-अलग रेट पर मुआवजा दिया है जो कि भूमि अधिग्रहण एक्ट का सीधा उल्लंघन है। उन्होंने कहा कि किसानों को अधिकतम रेट व फेक्टर-2 पर मुआवजा मिलना चाहिए।
बैठक में बद्दी जन कल्याण सभा के धर्मपाल किशनपुरा, प्यारा लाल कालसी, जसंवत सिंह पूर्व प्रधान, सुखविंन्द्र सिंह सैणाी, राजकुमार सैणी, बुधराम, सुरेन्द्र बीडीसी, गुरमेल सिहं, हंसराज चौधरी, शिवकुमार शर्मा, दिला राम, पूर्व प्रधान धर्मपाल, रणजीत सिंह, कुलतार सिंह आदि पदाधिकारी उपस्थित रहे।
क्या है मुआवजे का रेट
बद्दी-नालागढ़ फोरलेन के लिए सरकार ने लगभग 32 राजस्व गांवों की जमीन को अधिग्रहण किया है। विभाग ने राजस्व गांव के रेट तय कर किसानों को मुआवजा दिया है जिसमें जमीनों के रेट में काफी अंतर है। बद्दी-नालागढ़ फोरलेन के लिए विभाग ने सबसे ज्यादा मुआवजा 9711 रुपए प्रतिमीटर यानी 73 लाख रुपए बीघा जुड्डी खुर्द गांव के किसानों को दिया है वहीं गांव सराजमाजरा में 62 लाख रुपए, बिलांवाली में 60 लाख रुपए, शीतलपुर में 58 लाख रुपए के हिसाब से मुआवजा दिया गया है जबकि सबसे कम मुआवजा गांव दासोमाजरा में प्रति बिघा 15 लाख रुपए, बेली दयोर में 18 लाख रुपए, टालीवाला , सनेड़ व नालका में 22 लाख रुपए, गांव हररायपुर व मलपुर में 30 लाख रुपए प्रति बीघा के हिसाब से किसानों को मुआवजा दिया गया है। भूमिअधिग्रहण के मुआवजे में अलग-अलग रेट किसानों के गले नहीं उतर रहे हैं।
क्या कहते हैं एसडीएम नालागढ़
इस बारे में एसडीएम महेन्द्र पाल गुर्जर ने कहा कि बद्दी-नालागढ़ फोरलेन प्रोजेक्ट का मुआवजा 2015 में तय हुआ था जो राजस्व रिकार्ड में तय औसत के हिसाब से बनाया गया था। उन्होंने कहा कि किसानों को नियमों को ध्यान में रख कर ही जमीन व भवनों का मुआवजा दिया गया है।