दिल्ली में पूरे साल पटाखों पर प्रतिबंध का फैसला ले सरकार
नयी दिल्ली, 11 नवंबर (एजेंसी)
सुप्रीम कोर्ट ने सोमवार को कहा कि कोई भी धर्म प्रदूषण फैलाने वाली गतिविधि को प्रोत्साहित नहीं करता। उसने दिल्ली सरकार को निर्देश दिया कि वह राष्ट्रीय राजधानी में पटाखों पर प्रतिबंध पूरे साल लागू करने के मुद्दे पर एक पखवाड़े के भीतर फैसला ले।
जस्टिस अभय एस ओका और जस्टिस ऑगस्टीन जॉर्ज मसीह की पीठ ने कहा कि प्रदूषण मुक्त वातावरण में रहना संविधान के अनुच्छेद-21 के तहत हर नागरिक का मौलिक अधिकार है। पीठ ने रेखांकित किया, ‘प्रथम दृष्टया हमारा मानना है कि कोई भी धर्म ऐसी किसी गतिविधि को प्रोत्साहित नहीं करता, जो प्रदूषण फैलाती हो। अगर इस तरह से पटाखे जलाए जाते हैं, तो नागरिकों के स्वस्थ जीवन जीने के मौलिक अधिकार पर भी असर पड़ता है।’
दिल्ली सरकार के वकील की इस दलील का संज्ञान लेते हुए कि पटाखों पर प्रतिबंध को पूरे साल लागू करने पर सभी हितधारकों से परामर्श कर फैसला लिया जाएगा, शीर्ष अदालत ने मामले में 25 नवंबर तक निर्णय लेने का निर्देश दिया। पीठ ने पड़ोसी राज्यों की सरकारों से अपने-अपने क्षेत्र में पटाखों के निर्माण, बिक्री, भंडारण और उन्हें फोड़ने पर प्रतिबंध लगाने के मुद्दे पर जवाब दाखिल करने को कहा।
पुलिस की कार्रवाई महज दिखावा : पीठ ने राष्ट्रीय राजधानी में पटाखों पर प्रतिबंध को व्यापक रूप से लागू करने में नाकाम रहने के लिए दिल्ली पुलिस को कड़ी फटकार लगाई और उसकी कार्रवाई को महज दिखावा करार दिया। पीठ ने दिल्ली पुलिस आयुक्त को निर्देश दिया कि वह सभी संबंधित पक्षों को प्रतिबंध आदेश के बारे में तुरंत सूचित करें और यह सुनिश्चित करें कि ऑनलाइन मंचों पर पटाखों की बिक्री न की जाए। पीठ ने कहा, ‘हमें आश्चर्य है कि दिल्ली सरकार ने 14 अक्तूबर तक आदेश जारी क्यों नहीं किया।’
पंजाब में पराली जलाने के मामले 7 हजार के पार
चंडीगढ़ (ट्रिन्यू) : पंजाब में पराली जलाने के मामलों की संख्या बढ़कर 7029 हो गई है। सोमवार को 418 मामले सामने आये। इस बीच, वायु गुणवत्ता प्रबंधन आयोग ने पराली प्रदूषण रोकने के लिए जारी आदेश लागू करने में विफल रहने पर फिरोजपुर और संगरूर जिले के उपायुक्तों तथा एसएसपी को नोटिस जारी किया है। उनसे 14 नवंबर शाम तक जवाब मांगा गया है। राज्य में पराली प्रदूषण एक बार फिर चरम पर पहुंच गया है। गोबिंदगढ़ मंडी, अमृतसर और लुधियाना में वायु गुणवत्ता स्तर ‘खराब’ श्रेणी में रहा। वहीं, चंडीगढ़ देश के शीर्ष तीन शहरों में शामिल हो गया है, जहां वायु गुणवत्ता ‘बेहद खराब’ श्रेणी में पहुंच गयी है।
देश के टॉप 3 प्रदूषित शहर
शहर एक्यूआई
मंडीदीप (एमपी) 372
दिल्ली 352
चंडीगढ़ 331