शिव बावड़ी हादसे में जान गंवाने वालों को सरकार ने किया याद
शिमला, 14 अगस्त (हप्र)
हिमाचल प्रदेश की राजधानी शिमला के समरहिल के शिव बावड़ी में पिछले साल 14 अगस्त को प्राकृतिक आपदा में जान गंवाने वाली दिवंगत आत्माओं को बुधवार को हिमाचल की सुक्खू सरकार ने याद किया।
इस हादसे की पहली बरसी पर प्रदेश सरकार की ओर से स्वास्थ्य एवं परिवार कल्याण, सामाजिक न्याय एवं अधिकारिता तथा सैनिक कल्याण मंत्री कर्नल धनीराम शांडिल ने स्मृति स्मारक पर श्रद्धांजलि अर्पित की। गत वर्ष भारी बारिश व भूस्खलन के कारण हुई प्राकृतिक आपदा से 15 अगस्त की सुबह सावन के आखरी सोमवार के दिन प्राचीन शिव बावड़ी मंदिर पूरी तरह क्षतिग्रस्त हो गया था, जिसमें 20 श्रद्धालु काल का ग्रास बन गए जो सुबह पूजा अर्चना हेतु उस समय मंदिर में उपस्थित थे। गत वर्ष भारी आपदा से पूरे प्रदेश में लगभग 551 लोगों ने अपनी जान गंवाई थी तथा लगभग 12 हजार करोड़ से अधिक का आर्थिक नुकसान प्रदेश को हुआ था। कर्नल शांडिल ने कहा कि आपदा की घड़ी में सरकार ने फ्रंट फुट पर कार्य करते हुए आपदा ग्रासितों को राहत प्रदान की। उन्होंने कहा कि आपदा के उपरांत प्रदेश सरकार ने लोगों को राहत प्रदान करने के उद्देश्य से विशेष राहत पैकेज प्रदान किया जिसके अंतर्गत पूर्ण रूप से क्षतिग्रस्त मकानों को 7 लाख रुपए देने का प्रावधान किया गया। डॉ. शांडिल ने कहा कि आजकल भी भारी बरसात हो रही है और आपदा के मध्यनजर हर जिला एवं खंड स्तर पर प्रशासन ने पूरी तैयारियां की हैं ताकि आपदा से किसी भी प्रकार के जान-माल का नुकसान न हो। स्वास्थ्य मंत्री ने श्रद्धांजलि अर्पित करने के उपरांत पौधा भी रोपित किया। इस अवसर पर विधायक हरीश जनार्था, महापौर नगर निगम शिमला सुरेंद्र चौहान, पार्षदगण, जान गंवाने वाले लोगों के परिजन, स्थानीय लोग तथा अन्य लोग उपस्थित रहे।
20 लोगों ने एक साथ गंवाई थी जान
शिव बावड़ी हादसे को याद कर परिजन भावुक हो गए। श्रद्धांजलि अर्पित करते वक्त परिजनों के आंसू छलक आये। शिमला के समरहिल शिव बावड़ी हादसे में जान गंवाने वाले एक युवक की मां ने कहा कि घटना के बाद वे पहली बार यहां आई हैं। उन्होंने यहां आना छोड़ दिया है। बेटे की आत्मा को शांति मिले। इसके लिए उनकी याद में एक पौधा लगाया है। समरहिल वार्ड से पार्षद वीरेंद्र ठाकुर ने कहा कि 14 अगस्त 2023 का दिन समरहिल वासियों के लिए एक बहुत बुरा दिन था। 20 लोगों ने एक साथ जान गंवाई थी। उन्होंने कहा कि पहले लोग यहां मंदिर वाले रास्ते से आते जाते थे। लेकिन इस घटना के बाद लोगों ने अब रास्ता बदल दिया है।