सरकार जबरदस्ती चलवा रही धरना, अफसर के निलंबन की मांग बड़ी नहीं
विजय शर्मा/हप्र
करनाल, 10 सितंबर
बसताड़ा टोल प्लाजा पर हुए लाठीचार्ज के विरोध में प्रदेश के किसान संगठनों द्वारा करनाल सचिवालय के सामने शुरू किया गया धरना आज चौथे दिन में प्रवेश कर गया है। इस बीच सरकार की निगाहें अब कल 11 सितंबर को करनाल में होने जा रही संयुक्त मोर्चा के नेताओं की बैठक पर टिकी हुई हैं।
माना जा रहा है कि सरकार पर दबाव बनाने के लिए संयुक्त मोर्चा के नेता कोई रणनीति बना सकते हैं। भाकियू अध्यक्ष गुरनाम सिंह चढ़ूनी ने आज कहा कि संयुक्त मोर्चा के नेताओं की बैठक कल 3 बजे प्रारम्भ होगी। बैठक में ही तय होगा कि आगे क्या रणनीति अपनाई जाये। उन्होंने कहा कि सरकार जबरदस्ती धरना चलवा रही है। लाठीचार्ज के लिए दोषी अधिकारी और उनके निलम्बन की मांग कोई इतनी बड़ी मांग नहीं है कि सरकार उसे पूरा न कर सके।
करनाल में किसानों का पक्का मोर्चा लगने के बाद पंजाब, हरियाणा और उत्तर प्रदेश से किसानों के जत्थे लगातार उमड़ने लगे हैं और एजीपीसी द्वारा शुरू की गई लंगर सेवा के लिए सेवादारों की टोलियां भी सेवा में जुटी हुई हैं।
आईजी, एसपी के जवानों को सतर्कता बरतने के निर्देश
करनाल रेंज की आईजी ममता सिंह और एसपी गंगा राम पुनिया आज सुबह किसानों के सामने डटे जवानों के बीच पहुंचे और उन्हें सतर्कता बरतने के निर्देश दिये। आईजी ममता सिंह ने कहा कि सबकुछ धैर्य और शांतिपूर्ण चल रहा है। किसानों के साथ करनाल की आम जनता का भी सहयोग मिल रहा है।
जनजीवन सामान्य, घबराने की जरूरत नहीं : डीसी
उपायुक्त निशांत कुमार यादव ने जिला सचिवालय के सामने किसानों के आंदोलन को देखते हुए करनाल की जनता से अपील की है कि किसी को घबराने की जरूरत नहीं है। जिले में सभी कार्य सामान्य रूप से चल रहे हैं, करनाल शहर के साथ-साथ कस्बे के सभी बाजार खुले हुए हैं। सचिवालय में अपने कार्य के लिए आ सकते हैं।
कानून व्यवस्था बिगाड़ने वालों पर होगी सख्ती
उपायुक्त ने कहा कि किसान नेता जब भी चाहे वार्ता कर सकते हैं। उनसे आग्रह है कि वार्ता के लिए आयें। लेकिन अगर कोई समूह अपनी बात मनवाने के लिए लोगों को परेशान करेगा तो इसे बर्दाश्त नहीं किया जायेगा। उन्होंने कहा कि 12 सितंबर को करनाल के 24 केन्द्रों पर एचसीएस की परीक्षाएं हैं, यदि कोई कानून व्यवस्था बिगाड़ने की कोशिश करेगा तो प्रशासन उसके साथ सख्ती से निपटेगा।