देशपाल सौरोत/हप्र
पलवल, 20 अक्तूबर
देवी उपासना के इस पर्व पर आइये आपको हरियाणा के पलवल जिले में ले चलें। यहां पुलिस और प्रशासन दोनों ही क्षेत्र की जिम्मेदारी महिलाओं के पास है। कहा जा रहा है कि हरियाणा ही नहीं, भारत में ऐसा पहली बार है। यहां डीसी-एसपी से लेकर जिला विकास एवं पंचायत अधिकारी जैसे सभी महत्वपूर्ण पदों पर महिलाएं आसीन हैं। अपनी कार्यप्रणाली से लोकप्रिय ये हैं सशक्तीकरण की देवियां।
नेहा सिंह, आईएएस (डीसी)
पलवल की जिला उपायुक्त (डीसी) नेहा सिंह ग्रामीण पृष्ठभूमि से आती हैं। नेहा ने यूपीएससी के 2015 बैच में 22वां रैंक हासिल कर देश में अपनी प्रतिभा का लोहा मनवाया। गांव, गरीबों, कमजोरों और आर्थिक रूप से पिछड़े लोगों के लिए कुछ करने की तमन्ना रखने वाली नेहा कहतीं हैं कि गलतियों से सीखकर असफलता में सफलता को खोजकर ही जीत हासिल की जा सकती है। वह कहती हैं, ‘लड़कियां अपने अंदर जुनून पैदा करें और कुछ कर गुजरने का हौसला बनाएं।’
डॉ. अंशु सिंगला, आईपीएस (एसपी)
हरियाणा काडर की 2014 बैच की आईपीएस अधिकारी डॉ. अंशु सिंगला पहले डॉक्टर बनीं फिर एक हादसे ने उन्हें आईपीएस बनने का जुनून दे दिया। उनके पति अर्पित जैन भी आईपीएस हैं। जब वह डॉक्टर थीं तो उनके पास दहेज पीड़िता का मामला आया जिसे जला दिया गया था। उन्होंने आईपीएस बनने की ठानी ताकि ऐसे लोगों को सुधारा जा सके। आज वह पलवल की एसपी बनकर गुंडाें-बदमाशों के लिए खौफ का पर्याय हैं।
जसलीन कौर, आईपीएस (एडिशनल एसपी)
पलवल की एडिशनल एसपी जसलीन कौर मूल रूप से कानपुर की हैं। जसलीन कहतीं हैं, ‘सपने हर कोई देखता है पर उन्हें सच कर दिखाने के लिए जज्बे और धैर्य की जरूरत होती है।’ जसलीन आज कानून का राज कायम करने के मामले में चर्चा में हैं। कई लड़कियां उन्हें अपना आदर्श मानती हैं।
शशि वसुंधरा, एचसीएस (एसडीएम)
शशि वसुंधरा पलवल की एसडीएम हैं। शशि जब 10 साल की थीं, उनकी माताजी शशिकांता का कैंसर की बीमारी से देहांत हो गया। उनकी मां बेटी को एचसीएस देखना चाहती थी। वसुंधरा ने अपने नाम के आगे मां का नाम शशि जोड़ा और आज पलवल की एसडीएम हैं।
द्विजा, एचसीएस सिटी मजिस्ट्रेट
पलवल की सिटी मजिस्ट्रेट सुश्री द्विजा गठवाल पहले ही प्रयास में एचसीएस बनीं और पिता के सपने को साकार किया। बहादुरगढ़ निवासी द्विजा का कहना है कि हर युवा को अपने लक्ष्य को पाने के लिए कड़ी मेहनत करनी चाहिए और हालात से बिना डरे मेहनत में जुटे रहना चाहिए।