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विकास के नाम पर पहाड़ों की तबाही का खेल बंद हो : सोनम वांगचुक

11:09 AM Sep 22, 2024 IST
मंडी में शनिवार को पत्रकारों से बात करते सोनम वांगचुक। -निस

मंडी, 21 सितंबर (निस)
हिमालय में पर्यावरण संरक्षण और केंद्र शासित प्रदेश लद्दाख में लोकतंत्र की बहाली की मांग को लेकर मशहूर पर्यावरणविद सोनम वांगचुक की लद्दाख से दिल्ली पदयात्रा शनिवार को कल्लू, पंडोह से होते हुए मंडी पहुंची। मंडी से चार किलोमीटर पहले बिंद्रबणी स्थित हिमाचल दर्शन फोटो गैलरी में इस यात्रा का विभिन्न संगठनों की ओर से स्वागत किया गया। इस अवसर पर हिमाचल ज्ञान विज्ञान समिति मंडी, भूमि अधिग्रहण मंच, कांग्रेस सेवादल, महिला मंडलों एवं डिग्री काॅलेज मंडी के छात्रों और प्राध्यापकों ने इस पदयात्रा दल का स्वागत कर सोनम वांगचुक से मुलाकात की। इस अवसर पर सोनम वांगचुक ने कहा कि उनकी यह यात्रा एक सितंबर को लद्दाख से शुरू हुई थी और 2 अक्तूबर को दिल्ली में संपन्न होगी।
उन्होंने बताया कि हिमालय के पर्यावरण संरक्षण के अलावा उनकी यात्रा का मुख्य उद्देश्य लद्दाख में लोकतंत्र की बहाली भी है, क्योंकि धारा 370 हटने के बाद अलग केंद्र शासित प्रदेश बनने से विकास में स्थानीय लोगों की भागीदारी नहीं हो पा रही है। उन्होंने कहा कि सड़कें बनने से विकास नहीं होता है। विकास में स्थानीय लोगों की भागीदारी नहीं हो पा रही है। वांगचुक ने कहा कि यह क्षेत्र पर्यावरण ही नहीं, देश की रक्षा की दृष्टि से भी अति संवेदनशील है। इसलिए यहां पर लोकतंत्र की बहाली जरूरी है। उन्होंने कहा कि विकास के नाम पर पहाड़ों की तबाही का खेल बंद होना चाहिए। अगर विकास जरूरी है तो पहाड़ों का विनाश नहीं होना चाहिए। सादगी भरा जीवन भारत की परंपरा है।
सादगी भरा जीवन जरूरी है, महानगरों के लोगों की विलासिता के लिए पहाड़ों का विनाश रोका जाना चाहिए। हिमालय के लोगों का जागरूक होना जरूरी है, तभी राजनीतिज्ञ भी जागरूक और पर्यावरण के प्रति संवेदनशील होंगे। पहाड़ों में वन लेन सड़कें पर्याप्त है, मगर इन्हें टू लेन, फिर फोर लेन बनाने के लिए पहाड़ों को काटा जा रहा है। यह सिलसिला रुकने का नाम नहीं ले रहा है, आगे चल कर सिक्स लेन और आठ लेन तक जा सकता है।

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