‘हाथ’ से निकल चुकी है बाज़ी, कांग्रेस को दोबारा जारी करना पड़ा मेनिफेस्टो : धनखड़
रोहतक, 28 सितंबर (निस)
पूर्व मंत्री एवं भाजपा राष्ट्रीय सचिव चौधरी ओमप्रकाश धनखड़ ने कांग्रेस को दूसरी बार घोषणा पत्र जारी करने पर घेरा और 50 वोटों पर नौकरी देने की कांग्रेस की मानसिकता को आड़े हाथों लिया।
धनखड़ ने कहा कि कांग्रेस का मकसद जनसेवा नहीं, बल्कि प्रदेश को लूटना है। कांग्रेस के प्रत्याशी 50 वोटों के बदले एक नौकरी देने की बात कर रहे हैं, वहीं अपना और अपने रिश्तेदारों का घर भरने की बात कहकर कांग्रेस के भ्रष्टाचार की पोल खोल रहे हैं। कांग्रेस प्रत्याशियों के बयानों ने साफ कर दिया है कि कांग्रेस चुनाव सिर्फ और सिर्फ लूटने के लिए लड़ रही है। शनिवार को ओमप्रकाश धनखड़ पत्रकारों से बातचीत कर रहे थे। धनखड़ ने कांग्रेस और भाजपा के मेनिफेस्टो की तुलना करते हुए कहा कि कांग्रेस ने एक सब्जी बनाई थी जिसका स्वाद अच्छा नहीं बना, इसी कारण कांग्रेस दूसरा घोषणा पत्र ले आई।
भाजपा का संकल्प पत्र जन-जन के बीच लोकप्रिय हो रहा है, जबकि कांग्रेस घोषणा पत्र की रेस में पिछड़ चुकी है। भाजपा के घोषणा पत्र के महिला चौपाल, लाडो लक्ष्मी योजना, 36 बिरादरी के लिए अलग-अलग कल्याण बोर्ड आदि की घोषणाओं को प्रत्येक जिले का व्यक्ति पसंद कर रहा है। धनखड़ ने कांग्रेस पर हमला करते हुए कहा कि कांग्रेस वही पार्टी है जिसके विधायक 50 वोटों पर एक नौकरी देने का वादा कर रहे हैं। कांग्रेस के लोग उस समय की याद दिला रहे हैं जब पांच नसबंदी कराने पर कर्मचारियों को पदोन्नति दी जाती थी। अब कांग्रेस के विधायक पहले अपना और अपने रिश्तेदारों का घर भरने की बात कर रहे हैं।
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धनखड़ ने कहा कि पूर्व प्रधानमंत्री अटल बिहारी वाजपेयी की सरकार ने किसान क्रेडिट कार्ड बनाकर किसानों को दिए जिससे किसानों को 18 के बजाए 9 प्रतिशत ब्याज पर ऋण उपलब्ध हुआ। उन्होंने कहा कि बाद में हरियाणा में कृषि मंत्री रहते हुए उन्होंने शून्य प्रतिशत ब्याज पर किसानों को ऋण उपलब्ध कराया। धनखड़ ने कहा कि किसान हित में देशव्यापी लड़ाई भाजपा ने लड़ी और अपने घोषणा पत्र में 2014 में लिखा कि हम 50 प्रतिशत मुनाफे के साथ फसलों के दाम देंगे और किसानों को जोखिम से मुक्त करेंगे। भाजपा ने अपनी पहली ही योजना में एल-2 जमा एफएल देना शुरू किया, सरसों, दलहन और तिलहन के दामों में दो गुना तथा गेहूं और धान के दामों में 60 प्रतिशत की वृद्धि की।