याद रहती है मनुष्य के अच्छे कर्मों की खुशबू
अरुण नैथानी/ट्रिन्यू
चंडीगढ़, 26 अक्तूबर
हरियाणा सरकार में एडिशनल चीफ सैक्रेटरी व चंडीगढ़ लिटरेरी सोसाइटी की चेयरपर्सन डॉ. सुमिता मिश्रा का कहना है कि सृजन कवि मन के अव्यक्त को अभिव्यक्त करता है। इनके जरिये मनुष्य जीवन का गहन संदेश मिलता है। फूलों में प्रकृति मुस्कराती है। फूलों का खिलना व मुर्झाना मनुष्य जीवन की गति को भी दर्शाते हैं। दुनिया फूलों के मानिंद उसी को याद करती है जो अपने अच्छे कर्मो की खुशबू छोड़ जाता है।
डॉ. मिश्रा सेक्टर-27 स्थित प्रेस क्लब में इंटरनेशनल बीट पोएट अवॉर्ड व सीज़र वैलेजो पुरस्कार विजेता लिली स्वर्ण की हालिया प्रकाशित काव्य-कृति ‘द डिवाइन डायलेक्ट ऑफ फ्लॉवर्स का विमोचन कर रही थीं। कार्यक्रम चंडीगढ़ लिटरेरी सोसाइटी के तत्वावधान में आयोजित किया गया। लिली स्वर्ण अंतरराष्ट्रीय स्तर पर प्रशंसित और बहुभाषी कवयित्री, लेखिका और स्तंभकार हैं। इस मौके पर पूर्व आईएएस, लेखक और मोटिवेशनल स्पीकर विवेक अत्रे ने विशिष्ट अतिथि के रूप में कहा कि अनुभवजनित सृजन पाठकों को गुणवत्ता से जोड़ता है। उन्होंने हाईकु व काव्य की अन्य विधाओं की चर्चा की। उन्होंने कहा कि जब आत्मा से निकले अहसास दिमाग से होते हुए शब्दों में अंकित होते हैं तो संवेदनशील साहित्य सृजित होता है। जैसे फूल बोलते नहीं है लेकिन उसकी खुशबू हमें ऊर्जा देती है। उन्होंने वीर सैनिकों को समर्पित कालजयी रचना ‘पुष्प की अभिलाषा’ का उल्लेख संदर्भ के रूप में किया। वहीं पंजाब के आईपीएस अधिकारी (एडीजीपी) ए.एस. राय ने रचनाकार लिली स्वर्ण के सृजन व पुस्तक ‘द डिवाइन डायलेक्ट ऑफ फ्लावर्स’ के विभिन्न पहलुओं से रूबरू कराया। कार्यक्रम के मध्य में डॉ. उपनीत लाली द्वारा कवयित्री लिली स्वर्ण से सृजन के संवाद को साहित्यिक रसिकों का सार्थक प्रतिसाद मिला। इसमें जहां लेखिका स्वर्ण ने ‘द डिवाइन डायलेक्ट ऑफ फ्लॉवर्स’ की रचना प्रक्रिया से जुड़े प्रसंगों से श्रोताओं को अवगत कराया, वहीं बचपन, कालेज जीवन व बाद पति सैन्य अधिकारी कर्नल एसएस स्वर्ण के साथ विभिन्न राज्यों में फूलों से आत्मीय संवाद को रूहानी अभिव्यक्ति का आधार बताया।