रत्ता नदी मलकूमाजरा पुल की चूलें हिली, ढहने के कगार पर
योगराज भाटिया/निस
बीबीएन, 1 सितंबर
इंडस्ट्रियल एरिया बद्दी का उपमंडल मुख्यालय नालागढ़ से संपर्क कभी भी टूट सकता है। ग्राम पंचायत मलपुर के तहत रत्ता नदी मलकूमाजरा पुल को भारी बारिश से क्षति पहुंची है। बारिश से मलकूमाजरा पुल की रिटेनिंग वॉल पानी के बहाव में बह गई। इस पुल को क्षति पहुंचने से बददी बरोटीवाला नालागढ़ के उद्योग जगत के माथे पर चिंता की लकीरें खींच गई है। उद्यमियों का कहना है कि पिछले साल बद्दी पुल गिर गया था तो हरियाणा से संपर्क कट गया और अब अगर मलकूमाजरा एनएच पर बना पुल जो कि अंतिम सांसे गिन रहा है। यदि ये भी गिर गया तो उनका पंजाब से संपर्क कट जाएगा। गौरतलब है कि बद्दी-नालागढ़ फोरलेन का काम पटेल एंड कंपनी द्वारा किया जा रहा है और हर स्थान पर वैकल्पिक पुल बनाए जा रहे हैं लेकिन रत्ता नदी पुल के साथ एनएचएआई ने अभी तक दो साल में किसी नए पुल का खाका तैयार नहीं किया। इस कारण से बीबीएन का उद्योग जगत सहमा हुआ है। वहीं एनएच की दलील है कि हमारे पास 2 साल का समय है फोरलेन बनाने का इसलिए हम समयबद्व काम करेंगे ।
तीन साल से है जर्जर : फेडरेशन आफ इंडियन इंडस्ट्री के प्रदेशाध्यक्ष चिरंजीव ठाकुर, अनिल मलिक, लघु उद्योग संघ के अध्यक्ष अशोक राणा, चेयरमैन विचित्र सिंह पटियाल, गत्ता उद्योग संघ के अध्यक्ष हेमराज चौधरी ने कहा कि रत्ता पुल अब से नहीं बल्कि तीन साल से जर्जर है। शुक्रवार की बारिश से इसकी नींव भी हिल गई और यह कभी गिर सकता है। अगर यह पुल गिरा तो इसकी पूरी जिम्मेदारी नेशनल हाईवे अथारिटी ऑफ इंडिया की होगी। वहीं उद्योग संगठनों ने फोरलेन की निर्माणाधीन कंपनी को भी घेरा क्योंकि इसने भी दो साल में रत्ता नदी पुल के साथ कोई वैकल्पिक पुल तैयार ही नहीं किया।