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ऑस्ट्रेलिया में बही हरियाणवी संस्कृति की धारा

07:06 AM Nov 19, 2024 IST
ऑस्ट्रेलिया के सिडनी में सांस्कृतिक कार्यक्रम में प्रस्तुति देती कलाकार। -हप्र

कुरुक्षेत्र, 18 नवंबर (हप्र)
एसोसिएशन ऑफ हरियाणवीज इन ऑस्ट्रेलिया (एएचए) द्वारा रोजहिल गार्डन्स रेसकोर्स में हरियाणा दिवस के उपलक्ष्य में 16 नवंबर को भव्य बहु-सांस्कृतिक सांझ का आयोजन किया गया, जिसमें हरियाणवी लोक नृत्य, रागनी एवं हरियाणवी फैशन-शो ने सिडनी में हरियाणवी संस्कृति के विविध स्वरूप प्रस्तुत किए। इस सांस्कृतिक संध्या में एक हजार से अधिक हरियाणवी एनआरआई लोगों ने भाग लिया। इस मौके पर सिडनी में रैंप पर हरियाणवी सांस्कृतिक छटा का विविध आयामी स्वरूप देखने को मिला। यह जानकारी विरासत के संयोजक डॉ. महासिंह पूनिया एवं एएचए के अध्यक्ष सेवा सिंह ने संयुक्त रूप से दी।
उन्होंने बताया कि इस भव्य आयोजन में ऑस्ट्रेलिया के बहु-सांस्कृतिकता, लघु व्यवसाय, भूमि और संपत्ति और खेल मंत्री स्टीफन कैंपर, डिप्टी विपक्षी सचेतक सेनेटर मारिया कोवाचेविच, मार्टिन जैटर, लॉर्ड मेयर, पेरामैट्टा व प्रसिद्ध काउंसलर्स रीना जेठी, समीर पांडे, श्रीनी पिल्लामारी, मोनिंदर सिंह, और बारबरा वाड आदि गणमान्य लोग उपस्थित रहे। उन्होंने बताया कि इस शाम का मुख्य आकर्षण हरियाणवी लोक कलाकार पद्मश्री महाबीर गुड्डू ने अपनी प्रस्तुति बम लहरी से दर्शकों को मंत्रमुग्ध कर दिया। इस मौके पर हरियाणा विरासत सांस्कृतिक प्रदर्शनी सभी के लिए विशेष आकर्षण का केन्द्र रही। इस मौके पर ऑस्ट्रेलिया में जन्मे बच्चों ने भी हरियाणवी लोक नृत्य के माध्यम से अपनी संस्कृति को दर्शाते हुए मंच पर धमाल मचाया।
उन्होंने बताया कि इस आयोजन को खास बनाने वाली बात यह थी कि इसमें ऑस्ट्रेलिया के विभिन्न शहरों से सामुदायिक सदस्यों ने भाग लिया। एक बस मेलबर्न से आई, जबकि अन्य सदस्य पर्थ और एडीलेड जैसे शहरों से आए। खास बात यह रही कि इन मेहमानों की मेजबानी सिडनी में बसे हरियाणवी परिवारों ने की। एएचए के इस कार्यक्रम में हरियाणा के साथ-साथ जम्मू-कश्मीर, गुजरात और हिमाचल प्रदेश के लोक नृत्य और सांस्कृतिक प्रस्तुतियों ने भारत की विविध सांस्कृतिक विरासत को खूबसूरती से प्रदर्शित किया।
एएचए के अध्यक्ष सेवा सिंह ने इस मौके पर कहा कि एसोसिएशन विदेश मेें भारत के अलग-अलग राज्यों के एनआरआई के बीच सेतु का काम करती है। ऑस्ट्रेलिया में पढने वाले छात्रों का मार्गदर्शन किया जाता है। बुजुर्ग हरियाणवी एनआरआई के लिए विशेष आयोजन किए जाते हैं।

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