4 जून को पहले पोस्टल बैलेट पेपर की होगी गिनती
ट्रिब्यून न्यूज सर्विस
चंडीगढ़, 30 मई
हरियाणा के मुख्य निर्वाचन अधिकारी अनुराग अग्रवाल ने कहा कि 25 मई को छठे चरण के दौरान प्रदेश में हुए लोकसभा चुनाव की मतों की गणना 4 जून को होगी। ईटीपीबीएस व पोस्टल बैलेट की गणना एक अति महत्वपूर्ण पहलू है। इसलिए रिटर्निंग अधिकारियों को स्वयं इसे करना होगा। इसके लिए मतदान केंद्रों पर पर्याप्त संख्या में अच्छे स्कैनर की व्यवस्था की जाएगी। हर 10 स्कैनर पर एक सहायक रिटर्निंग अधिकारी की नियुक्ति की है।
मतगणना के हर टेबल पर अलग से सहायक रिटर्निंग अधिकारी की नियुक्ति भी की है। अनुराग अग्रवाल बृहस्पतिवार को वीडियो कांफ्रेंसिंग के जरिये प्रदेश के उपायुक्त सह जिला निर्वाचन अधिकारियों के साथ बैठक कर लोकसभा चुनावों की मतगणना को लेकर की गई तैयारियों की समीक्षा कर रहे थे। उन्होंने जिला निर्वाचन अधिकारियों को निर्देश दिए कि सभी मतगणना केंद्रों पर उच्च गुणवत्ता वाली 100 एमबीपीएस (मेगा बाइट पर सेकेंड) की कम से कम 2 लीज लाइन की व्यवस्था होनी चाहिए।
प्रदेश में 10 लोकसभा क्षेत्रों तथा करनाल विधानसभा (21) उपचुनाव के लिए 44 स्थानों पर मतगणना केंद्र बनाए हैं। इन केंद्रों में ईटीपीबीएस व पोस्टल बैलेट स्केनिंग के लिए 237 स्केनिंग टेबल लगाई जाएंगी। एक टेबल पर 500 पोस्टल बैलेट की गणना की जाएगी। उन्होंने कहा कि मतगणना ड्यूटी में लगे कर्मचारियों का सैकेंड रेंडमाइजेशन व प्रशिक्षण मतगणना तिथि से 24 घंटे पहले पूरा किया जाए। मतगणना के लिए एक सहायक रिटर्निंग अधिकारी, एक काउंटिंग सुपरवाइजर, 2 काउंटिंग सहायक तथा एक माइक्रो ऑब्जर्वर डयूटी पर रहेंगे।
अग्रवाल ने कहा कि प्रदेश में सर्विस मतदाताओं की कुल संख्या 1 लाख 11 हजार 58 है। इसके तहत सर्विस वोटर मतगणना ड्यूटी पर तैनात मतदाता व अन्य कर्मचारी तथा गैरहाजिर मतदाता की गणना की जाती है। इसलिए अलग से नोडल अधिकारी नियुक्त किए गए हैं। उन्होंने निर्देश देते हुए कहा कि पोस्टल बैलेट एक अति महत्वपूर्ण दस्तावेज है। उन्होंने कहा कि मतगणना केंद्र का पूर्णतः नियंत्रण सहायक रिटर्निंग अधिकारी के पास होता है। उनकी अनुमति के बिना कोई भी अनाधिकृत व्यक्ति मतगणना केंद्र में प्रवेश नहीं कर सकता। उन्होंने निर्देश दिए कि ईवीएम व पोस्टल बैलेट की गणना की कोई भी व्यक्ति फोटो नहीं खींच सकता।
20 साल बाद नहीं हुआ प्रदेश में पुनर्मतदान
हरियाणा में लोकसभा के चुनावों में इस बार एक नया रिकॉर्ड बना है। 20 साल बाद यह पहली बार है कि राज्य में कहीं कोई री-पोल नहीं हुआ है। राज्य में निष्पक्ष और पारदर्शी तरीके से मतदान हुआ है और भारत निर्वाचन आयोग ने भी इसकी सराहना की है। मुख्य निर्वाचन अधिकारी अनुराग अग्रवाल ने बृहस्पतिवार को यहां कहा कि 2004 से 2019 तक के लोकसभा चुनावों की यह कहानी रही है कि हर बार कभी न कभी री-पोलिंग अवश्य हुई है। 2004 के लोकसभा आम चुनावों के दौरान हरियाणा में 12 मई, 2004 को अंबाला, कुरुक्षेत्र, सोनीपत, फरीदाबाद और भिवानी लोकसभा क्षेत्रों में कुल 11 मतदान केंद्रों पर पुनः मतदान हुआ था। 2009 के लोकसभा चुनावों में सिरसा लोकसभा क्षेत्र में एक मतदान केंद्र पर 13 मई, 2009 को पुनः मतदान हुआ था। 2014 के लोकसभा चुनावों के दौरान गुड़गांव लोकसभा क्षेत्र में 15 मई, 2014 को कुल 8 मतदान केंद्रों पर पुनः मतदान हुआ था। 2019 के लोकसभा चुनावों में फरीदाबाद लोकसभा क्षेत्र में 19 मई, 2019 को एक मतदान केंद्र पर पुनः मतदान हुआ था। इस बार 2024 के चुनावों में कहीं पर भी दोबारा मतदान की आवश्यकता नहीं पड़ी।