उम्मीदवारों की पहली लिस्ट तैयार, इसी सप्ताह जारी होने के आसार
दिनेश भारद्वाज/ ट्रिन्यू
चंडीगढ़, 19 अगस्त
हरियाणा में सत्तारूढ़ भाजपा ने विधानसभा चुनाव के प्रत्याशियों की चयन प्रक्रिया तेज कर दी है। पार्टी की ओर से उम्मीदवारों की पहली सूची को लगभग अंतिम रूप दिया जा चुका है। पिछले दिनों रोहतक प्रदेश मुख्यालय में हुई भाजपा दिग्गजों की बैठक में दो दर्जन के करीब विधानसभा क्षेत्रों पर गंभीरता से विचार-विमर्श किया गया। सूत्रों का कहना है कि हाईकमान की ओर से करवाए गए सर्वे के अलावा विभिन्न एजेंसियों की रिपोर्ट का मिलान करने के बाद तैयार की गयी पहली सूची मंजूरी के लिए केंद्रीय नेतृत्व को भेजी जा चुकी है।
इस तरह की भी खबरें हैं कि चुनाव की कमान केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह ने पूरी तरह से अपने हाथों में ली हुई है। हाईकमान के नजदीकी नेताओं में शामिल व हरियाणा विधानसभा चुनाव इंचार्ज, केंद्रीय शिक्षा मंत्री धर्मेंद्र प्रधान ने ग्राउंड पर पूरा होमवर्क करने के बाद ही प्रत्याशियों की पहली सूची तैयार करवाई है। माना जा रहा है कि अगर किसी तरह की अड़चन नहीं आई तो इसी सप्ताह भाजपा की पहली सूची जारी हो सकती है।
कई मंत्रियों, विधायकों का टिकट कटना तय
दिल्ली से जुड़े सूत्रों का कहना है कि पार्टी नेतृत्व ने राज्य की सर्वे रिपोर्ट और एंटी-इनकमबेंसी को देखते हुए कई वरिष्ठ नेताओं के टिकट काटने का मन बना लिया है। पार्टी के मौजूदा 41 विधायकों में से कम से कम 20 के टिकट पर तलवार लटकी है। जिनकी टिकट की गारंटी नहीं है, उनमें कई मंत्री और हेवीवेट विधायक भी शामिल हैं। दरअसल, पार्टी के ‘रियल्टी चेक’ में यह बात सामने आई है कि ग्राउंड पर भाजपा से अधिक, विधायकों के खिलाफ नाराजगी है, जो पूरी पार्टी को भारी पड़ सकती है। यही कारण है कि कई विधायकों ने अपने टिकट को लेकर भागदौड़ शुरू कर दी है। वे अपने-अपने ‘राजनीतिक गॉडफादर’ के यहां चक्कर लगा रहे हैं। केंद्रीय नेताओं के अलावा संघ दिग्गजों के संपर्क तलाशे जा रहे हैं। वहीं, 2019 में विधानसभा चुनाव हारने वाले 50 नेताओं में से भी इस बार कइयों को टिकट मिलना मुश्किल है। अपना निर्वाचन क्षेत्र छोड़कर दूसरे हलकों से चुनाव लड़ने के सपने देख रहे नेताओं के मंसूबों पर भी हाईकमान ने पानी फेर दिया है। यह लगभग क्लीयर है कि किसी भी नेता के हलके को बदला नहीं जाएगा।
सिफारिश नहीं, रिपोर्ट पर टिकट
आमतौर पर वरिष्ठ नेताओं की सिफारिश को हाईकमान गंभीरता से लेता रहा है। लेकिन इस बार हरियाणा का विधानसभा चुनाव भाजपा के लिए राजनीतिक तौर पर काफी अहम है। ऐसे में यह भी लगभग तय हो चुका है कि किसी नेता की सिफारिश पर टिकट नहीं दिया जाएगा। टिकट आवंटन में ग्राउंड रिपोर्ट सबसे अहम भूमिका निभाएगी। जिताऊ और मजबूत चेहरों को ही टिकट मिलेगा। ऐसे में बहुत संभव है कि इस बार भी पूर्व की तरह दूसरे दलों से आए नेताओं को टिकट आसानी से मिल जाए।
सीएम के लिए तलाशी जा रही सीट : मुख्यमंत्री नायब सिंह सैनी के लिए हलका तलाशा जा रहा है। आमतौर पर सैनी नारायणगढ़ से चुनाव लड़ते रहे हैं। 2014 में वे पहली बार इसी सीट से विधायक बने थे। 2019 में कुरुक्षेत्र लोकसभा सीट से सांसद चुने गये। गत 12 मार्च को मुख्यमंत्री बने नायब सिंह सैनी ने करनाल से उपचुनाव जीता। माना जा रहा है कि अब वे करनाल के बजाय लाडवा (कुरुक्षेत्र) से चुनाव लड़ सकते हैं। लाडवा में सैनी वोटर काफी हैं। भाजपा से जुड़े जानकार मानते हैं कि नायब सिंह सैनी को नारायणगढ़ के अलावा एक और सीट यानी दो हलकों से चुनाव लड़वाने पर भी अंदरखाने विचार किया जा रहा है।