लहरों पर गोते खाने की नियति
मृदुल कश्यप
कोरोना की तीसरी लहर को लेकर स्थिति बेहद भ्रामक है। नित्य समाचार आ रहे हैं कि देश तीसरी लहर के एकदम करीब खड़ा है। विशेषज्ञ बार-बार चेता रहे हैं कि तीसरी लहर जल्द ही शुरू हो जाएगी। ऐसा माना जाता है कि कोरोना की दूसरी लहर आई थी और वह ख़त्म हो चुकी है। हालांकि इस बारे में जानकारों में गंभीर मतभेद हैं। कुछ लोगों का मत है कि अभी दूसरी ख़त्म नहीं हुई बल्कि चल रही है। ऐसे में कुछ अज्ञानी प्रश्न उठाते हैं कि दूसरी ख़त्म होगी तभी तो तीसरी आ पाएगी! जबकि कुछ ज्ञानियों का कहना है कि जब पहली ही ख़त्म नहीं हुई है तो दूसरी और तीसरी के बारे में भला कैसे बात की जा सकती है।
कुछ चलते पुर्जे इस बात पर जोर देते हैं कि एक बार यह पक्का कर लें कि पहली और दूसरी लहर की वर्तमान स्थिति क्या है। उसके बाद तीसरी पर खुलकर बात की जा सकती है। कुछ सज्जन लोग जो बहस में पड़ना नहीं चाहते, वे कहते हैं कि शायद पहली और दूसरी दोनों ही चल रही होंगी, क्या कह सकते हैं। आखिर कोरोना की आचार संहिता में चाइना ने ऐसा कहां लिखा है कि पहली ख़त्म होने के बाद ही दूसरी आएगी? हो सकता है कि तीसरी भी चल रही है। एक छोटा समूह इन सबसे हटकर यह मानता है कि वास्तव में अभी पहली और तीसरी चल रही है जबकि दूसरी समाप्त हो गई है। कुछ रायचन्द मानते हैं कि पहली, दूसरी और तीसरी तीनों लहर चल रही हैं। व्हाट्स एप यूनिवर्सिटी के एक प्रोफेसर के अनुसार चौथी लहर चालू हो चुकी है। इस बारे में देश सोया हुआ है। इसलिए जागरूक करने की आवश्यकता है।
तीसरी लहर आने की चर्चाओं ने बाजार की संभावनाएं अवश्य बढ़ा दी हैं। सेनिटाइजर और मास्क बनाने वाली कंपनियों की हाई लेवल मीटिंग ही रही है, जिसमें तीसरी लहर पर व्यापक चर्चा हो रही है। नए स्टेन के लिए नीले रंग का ही सेनिटाइजर रखा जाए या गुलाबी कर दिया जाए, इस बदलाव पर बहस चल रही है। मास्क थ्री लेयर का रखें या फोर कर दें, इस बारे में भी मंथन जारी है। विज्ञापन के लिए नयी पंच लाइनें सोची जा रही हैं।
लहर पर इस महत्वपूर्ण बहस में आम आदमी गोते खाता रहता है। आम आदमी यही सोचता रहता है कि अभी तो तीन की ही बात हो रही है, जाने कितनी लहरें आनी बाकी हैं। जब पहली दो ने ही उसे पटरी पर ला दिया है तो आगे की लहरें भला जाने कहां ले जाकर फेंकेंगी!