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सारंगी की धुन से महकी शाम, कलाकारों ने जमाया रंग

07:01 AM Jun 23, 2024 IST
कुरुक्षेत्र में कार्यक्रम के दौरान प्रस्तुति देते कलाकार। छाया-हप्र। -हप्र
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कुरुक्षेत्र, 22 जून (हप्र)
संगीत का जीवन में महत्वपूर्ण योगदान है। संगीत के बिना जीवन अधूरा माना जाता है। संगीत न केवल मनोरंजन का साधन माना जाता है, बल्कि संगीत से जीवन रंगीन और आनंदमय बनता है। भारतीय संगीत विविधता में बहुत धनी है, जिनमें शास्त्रीय संगीत, लोक संगीत, पॉप म्यूजिक, फिल्मी संगीत शामिल हैं। संगीत के बिना मानव जीवन की कल्पना करना नामुमकिन लगता है। ये कहना था हरियाणा कला परिषद के निदेशक नागेंद्र शर्मा का। वे विश्व संगीत दिवस के अवसर पर हरियाणा कला परिषद द्वारा कला कीर्ति भवन के प्रांगण में आयोजित रागनी और सारंगीवादन कार्यक्रम के दौरान लोगों को सम्बोंधित कर रहे थे। भिवानी से लोकगायक इंद्र सिंह लाम्बा और उनकी टीम द्वारा विश्व संगीत दिवस के अवसर पर प्रस्तुतियां दी गई। कार्यक्रम की विधिवत शुरुआत दीप प्रज्जवलित कर की गई। इस मौके पर वरिष्ठ साहित्यकार एवं हिफा सदस्य चंद्रशेखर शर्मा, लोक कलाकार मनोज जाले, रंगकर्मी शिवकुमार किरमच आदि भी शामिल रहे। नागेंद्र शर्मा ने पुष्पगुच्छ भेंटकर कलाकारों का स्वागत किया। मंच का संचालन विकास शर्मा द्वारा किया गया। कार्यक्रम की पहली प्रस्तुति सारंगीवादन की रही, जिसमें इंद्र सिंह लाम्बा की पूरी टीम ने सारंगी पर विभिन्न धुनों सुनाकर लोगों का मनोरंजन किया। इतना ही नहीं कलाकारों ने सारंगी के इतिहास के बारे में भी श्रोताओं को जानकारी दी। उन्होंने बताया कि सारंगी 600 साल पुराना साज है, जिसे लोक कलाकार सहेजकर युवा पीढ़ी तक पहुंचाने का प्रयास कर रहे हैं। वहीं दूसरी प्रस्तुति में कलाकारों ने रागनी प्रस्तुत करते हुए वाहवाही बटौरी। मैं भरण गई थी नीर राम की सूं, जमना जी के तीर राम की सूं रागनी जैसे की कलाकारों ने शुरु की, तालियों की गड़गड़ाहट से माहौल खुशनूमां हो गया। गंगा जी तेरे खेत में जैसी रागनी से भी इंद्र लाम्बा ने सभी को आनंदित किया। इसके अलावा लोगों की फरमाईश पर भी इंद्र सिंह ने कईं रागनियां प्रस्तुत की।

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