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कर्मचारी ने पेस्टीसाइड विक्रेताओं से रिश्वत लेने की लिस्ट सोशल मीडिया पर डाली, मचा हड़कंप

07:06 AM Jul 10, 2024 IST
कर्मचारी ने पेस्टीसाइड विक्रेताओं से रिश्वत लेने की लिस्ट सोशल मीडिया पर डाली  मचा हड़कंप
व्हाटसएप ग्रुप में रिश्वत लेने संबंधी जारी की गई लिस्ट व व्हाट्सएप चैट। -निस
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गुहला चीका, 9 जुलाई (निस)
कृषि विभाग कैथल में तैनात एक जिला स्तर के अधिकारी पर रिश्वत लेने संबंधी एक ऑडियो व रिश्वत की लिस्ट व्हाट्सएप ग्रुपों में वायरल होने से कृषि विभाग व रिश्वत देने वाले दुकानदारों में हड़कंप मच गया है। इस आडियो में पेस्टीसाइड विक्रेताओं की फर्म व रिश्वत के रूप में दी गई राशि का पूरा ब्योरा दिया गया है। यह लिस्ट कृषि विभाग में कार्यरत एक कर्मचारी द्वारा जारी की गई बताई जा रही है। जारी की गई लिस्ट में 4 हजार रुपये से लेकर 20 लाख रुपये तक की रिश्वत देना जिक्र है। अगर उक्त कर्मचारी द्वारा जारी की गई आडियो व लिस्टों को सही मान लिया जाए तो रिश्वत लेने वाले अधिकारी के साथ रिश्वत देने वाले पेस्टीसाइड विक्रेता पर भी सवाल खड़े होते हैं कि आखिरकार वे लाखों रुपये की रिश्वत क्यों देते रहे। क्या इसी रिश्वत की आड़ में नकली व एक्सपायरी दवाइयां बेचने का खेल खेला जाता रहा है। कुछ पेस्टीसाइड विक्रेताओं ने अपना नाम न छापने की शर्त पर बताया कि कृषि विभाग पूरी तरह से भ्रष्टाचार का अड्डा बना हुआ है। उन्होंने बताया कि विभाग के कर्मचारी कभी स्टॉक रजिस्टर पूरा न होने के नाम पर तो कभी दवाइयों के सैंपल लेने का डर दिखाकर रिश्वत लेते रहे हैं।

गोदाम तो सील किया पर कार्रवाई कुछ नहीं
पिछले दिनों कृषि विभाग के अधिकारियों ने चीका में एक पेस्टीसाइड का गोदाम सील किया था। आरोप था कि इस गोदाम में नकली दवाइयों जमा की गई हैं। बाद में जब इस गोदाम को खोला गया तो उसमें से दवाइयां गायब मिलीं। आरोप है कि अधिकारियों ने किसी मृतक व्यक्ति के नाम किरायानामा संबंधी तसदीकशुदा शपथ पत्र लेकर मामले को रफा-दफा कर दिया।

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लिस्ट में 4 हजार से 20  लाख तक लेना दर्शाया है
व्हाट्सअप ग्रुप में तीन अलग लिस्टें जारी की गई हैं, जिसमें एक लिस्ट में 1 लाख 1 हजार, दूसरी लिस्ट में 6 लाख 55 हजार व तीसरी लिस्ट में 29 लाख 25 हजार रुपये की रिश्वत दुकानदारों द्वारा देना दर्शाया गया है। लिस्ट में छोटे दुकानदार से 4 हजार रुपये से लेकर 25 हजार रुपये व एक दुकानदार से 20 लाख रुपये की राशि लेना दर्शाया गया है। सवाल उठता है कि 20 लाख रुपये रिश्वत देने वाला दुकानदार क्या किसानों को असली दवाई बेचता होगा।

''जिस कर्मचारी ने रिश्वत संबंधी लिस्ट सोशल मीडिया पर वायरल की है, उसकी शैक्षणिक योग्यता संबंधी दस्तावेज संदेह के घेेरे में है, जिसको लेकर गत 11 जून को पुलिस में मामला दर्ज करवाया गया है। उसी रंजिश में उक्त कर्मचारी प्रगट सिंह ने रिश्वत लेने के संबंधी लिस्टें जारी कर मुझे बदनाम करने का प्रयास किया है। मेरे ऊपर लगाए गए रिश्वत लेने संबंधी सभी आरोप निराधार हैं। मैं निष्पक्षता और ईमानदारी से अपनी ड्यूटी करता हूं।''
-बलवंत सहारण, जिला कृषि अधिकारी।

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