रोचक होगा चुनावी मुकाबला, कांग्रेस ने त्रिलोचन पर जताया भरोसा
रमेश सरोए/हप्र
करनाल, 1 मई
मुख्यमंत्री नायब सिंह सैनी के मुकाबले करनाल सीट पर हो रहे उपचुनाव में कांग्रेस ने त्रिलोचन सिंह पर एक बार फिर भरोसा जताया है। त्रिलोचन सिंह के मैदान में आने से मुकाबला रोचक हो गया है। यहां आमने-सामने की टक्कर होने के आसार हैं। बिना विधायक सीएम बने नायब सैनी को पूर्व सीएम मनोहर लाल द्वारा खाली की गई करनाल सीट से उम्मीदवार घोषित किया गया है। नियमों के तहत उन्हें छह महीनों के भीतर विधानसभा का सदस्य बनना है। इसीलिए मनोहर लाल ने करनाल से इस्तीफा दिया था।
भाजपा प्रत्याशी व सीएम लगातार करनाल विधानसभा क्षेत्र का दौरा कर रहे हैं। उनकी धर्मपत्नी सुमन सैनी गली-गली और सेक्टरों में जाकर वोट मांग रही हैं। फिलहाल लोगों का रुझान किसी भी पार्टी की तरफ स्पष्ट रूप से नजर नहीं आ रहा है। दोनों ही पार्टियों के समर्थक अपने-अपने प्रत्याशियों के जीत का दावा कर रहे हैं।
करनाल विधानसभा सीट प्रदेश की सबसे चर्चित सीटों में शुमार हो चुकी हैं। यहां एक साथ पूर्व और मौजूदा सीएम एक-दूसरे के लिए वोट मांगते हुए शहर में डेरा जमाए हुए हैं। वहीं राजनीतिक इतिहास में एक ही प्रत्याशी दो-दो मौजूदा सीएम के सामने चुनाव लड़ने का रिकार्ड बना रहा है।
विकास कार्याें की बदौलत जीतेंगे सैनी : भाजपा
पिछले विधानसभा चुनाव में पूर्व सीएम मनोहर लाल ने कांग्रेस प्रत्याशी को 45 हजार से अधिक मतों से करारी शिकस्त दी थी। इस बार मौजूदा सीएम पहले से ज्यादा वोटों से जीत हासिल करेंगे। उनका कहना है कि हमारा चुनावी कैंपन काफी तेजी से चल रहा हैं। कांग्रेस चुनावी प्रचार में काफी पीछे चली गई है। भाजपा के विकास कार्यों की बदौलत जनता सीएम नायब सिंह सैनी को भारी मतों से जिताकर विधानसभा भेजेगी और करनाल सीएम सिटी बना रहेगा।
त्रिलोचन को हल्के में लेना पड़ेगा भारी : कांग्रेस
कांग्रेस नेताओं का कहना है कि त्रिलोचन सिंह को हल्के में लेना भाजपा को महंगा पड़ सकता है। त्रिलोचन सिंह जमीन से जुड़े नेता हैं। वे पिछले साढ़े चार साल से लोगों के मुद्दे उठा रहे हैं। सड़कों पर प्रदर्शन करते रहे हैं। इसी वजह से करनाल विधानसभा के लोगों के लिए त्रिलोचन सिंह का नाम पहचान का मोहताज नहीं। कांग्रेसी चुनाव को और दिलचस्प बनाने के लिए लोकल और बाहरी प्रत्याशी का मुद्दा उठाने में जुटे हैं।