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शुगर मिल के निर्वाचित निदेशकों ने मुख्यमंत्री के दरबार में लगाई गुहार

07:52 AM May 25, 2025 IST

पिपली (कुरुक्षेत्र), 24 मई (निस)
मुख्यमंत्री के गृहक्षेत्र कुरुक्षेत्र के शाहाबाद उपमंडल में करप्शन पर जीरो टोलरेंस के दावों की हवा निकलती दिख रही है। देशभर में नाम रखने वाली शाहाबाद सहकारी शुगर मिल को किसी की नजर लग गयी है, तभी तो करोड़ों का नुकसान करने वाले ठेकेदार पर जिला प्रशासन के आलाधिकारी मेहरबान नजर आ रहे हैं। शुगर मिल के 2 निर्वाचित निदेशकों ने मुख्यमंत्री को सारे मामले से लिखित में अवगत करवा दिया है, लेकिन आज तक जांच ही चल रही है। जाचं किस नतीजे तक पहुंची, कोई अधिकारी बताने को तैयार नहीं है।
शिकायत में निदेशकों का आरोप है कि शाहाबाद एथनॉल प्लांट संचालन का कार्य ओम एंटरप्राइजिज को दिया था, जिसका संचालन यह फर्म ठीक ढंग से नहीं कर पाई। जिसके लिए डीसी कुरुक्षेत्र नेहा सिंह को करीब 4 माह पहले मिलकर निदेशकों ने पत्र लिखा था। निदेशकों द्वारा मुख्यमंत्री को की गई शिकायत में अवगत करवाया गया है कि फर्म ने टेंडर की शर्तों के अनुसार परफॉरर्मेंस बैंक गारंटी 1 करोड़ 30 लाख रुपए जमा नहीं करवाए। जिसके लिए शुगर मिल ने कई पत्र फर्म को लिखे हैं, वही सारे मामले को लेकर कुरुक्षेत्र के अतिरिक्त उपायुक्त जांच भी कर रहे हैं। इस सारे मामले को लेकर डीसी से बात करने के लिए बीते सोमवार को फ़ोन व सन्देश दिया, लेकिन खबर लिखे जाने तक उन्होंने अपना पक्ष रखना गंवारा नही समझा। बीते मंगलवार उन्होंने कहा था कि वो अपना पक्ष लोक संपर्क विभाग से लिखित भेज देंगी, लेकिन उन्होंने नहीं भेजा। उधर, शुगर मिल की एमडी ने फोन नहीं उठाया न ही संदेश का उतर दिया। वहीं जाचं अधिकारी एडीसी ने भी फोन नहीं उठाया।

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विधायक रामकरण बोले- सीएम से मिलकर करेंगे जांच की मांग

शाहबाद विधायक रामकरण ने ट्रिब्यून से बातचीत में बताया कि वह मामले में मुख्यमंत्री से बात करेंगे और सारे प्रकरण से अवगत करवाएंगे। उन्हाेंने कहा कि हैरानी की बात है कि जिस अधिकारी ने खेल को रोकना चाहा, उसकी ही बदली कर दी। वहीं शाहबाद शुगर मिल के निर्वाचित निदेशक धर्मवीर ने भी दैनिक ट्रिब्यून सवांददाता के कार्यालय में मुख्यमंत्री को दी गयी शिकायत की प्रति दिखाते हुए बताया कि ठेकेदार को नियमों की पालना न करने पर मिल के अधिकारियों ने बार-बार कारण बताओ नोटिस जारी किया व पेनल्टी डाली गई जोकि कुल 3.42 करोड़ बनती है, लेकिन उपरोक्त फर्म ने जमा नहीं करवाई। उन्होंने मामले की निष्पक्ष जांच की मांग की।

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