मुख्यसमाचारदेशविदेशखेलबिज़नेसचंडीगढ़हिमाचलपंजाब
हरियाणा | गुरुग्रामरोहतककरनाल
रोहतककरनालगुरुग्रामआस्थासाहित्यलाइफस्टाइलसंपादकीयविडियोगैलरीटिप्पणीआपकीरायफीचर
Advertisement

घर में बुजुर्ग बीमार और हम हैं श्रवण कुमार

06:52 AM May 02, 2024 IST
प्रशांत पंवार, जिला निर्वाचन अधिकारी एवं डीसी
Advertisement

ललित शर्मा/ हप्र
कैथल, 1 मई
आजकल जिला निर्वाचन अधिकारी के पास अनेक कर्मचारियों के ऐसे प्रार्थना पत्रों का अंबार लगा है, जिनमें उन्होंने संसदीय चुनाव में लगने वाली ड्यूटी से निजात पाने के अनुरोध किये हैं।
आज के दौर में जब अधिकतर बुजुर्ग अपने बलबूते बुढ़ापे की बीमारियों और परेशानियों से अकेले जूझ रहे हैं, ऐसे में कर्मचारियों के प्रार्थना पत्रों के मजमून पढ़कर तो ऐसा प्रतीत होता है मानो बड़े-बूढ़ों के लिए उनके बच्चे मातृ-पितृ सेवक श्रवण कुमार से भी आगे निकलने को बेताब हैं। जरा कुछ बानगी देखिए...
साहब जी! मेरे माता-पिता बीमार हैं, उनकी देखभाल करने वाला कोई नहीं है।... मेरे सास-ससुर बुजुर्ग हैं, उनकी दवा चल रही है, घर में उनकी सेवा करने वाला कोई नहीं है, मैं ही उनका ख्याल रखती हूं।... मेरे बच्चे का इलाज चल रहा है, पिछले दिनों उसका एक्सीडेंट हो गया था, मुझे अस्पताल जाना पड़ता है और परिवार में उसकी देखभाल करने वाला कोई दूसरा नहीं है।... जनाब! मां-बाप बुजुर्ग हैं, उनकी देखभाल मुझे ही करनी पड़ती है। सुबह बच्चों को स्कूल भेजने से लेकर घर का सारा काम मुझे ही करना होता है।... जनाब मुझे बीपी रहता है। श्रीमान जी मुझे शुगर की दिक्कत है।...
चुनावी ड्यूटी रद्द करवाने के लिए जिला निर्वाचन अधिकारी एवं डीसी प्रशांत पंवार के पास इस तरह की दो दर्जन से अधिक प्रार्थनाएं अब तक आ चुकी हैं।
चुनाव अधिकारी कार्यालय में इस बात की चर्चा जोरों पर है कि ड्यूटी कटवाने के लिए बहुओं को अब सास-ससुर की याद आ गई और बेटे श्रवण कुमार बन गए हैं। यहां लोग व्यंग कर रहे हैं कि चुनाव के बहाने ही सही, बुजुर्गों की याद तो आई।

‘ड्यूटी इतनी भी मुश्किल नहीं, दो ही दिन की बात’

जिला निर्वाचन अधिकारी एवं डीसी प्रशांत पंवार से बात की गई तो उन्होंने कहा कि उनके पास चुनावी ड्यूटी कटवाने के लिए तरह-तरह के आवेदन आ रहे हैं। लेकिन वह किसी कर्मचारी व अधिकारी की ड्यूटी नहीं काट रहे हैं। उन्होंने कर्मचारियों से कहा कि यह इतनी भी मुश्किल ड्यूटी नहीं है, दो ही दिन की बात है। डीसी ने कहा कि अगर किसी को वास्तव में समस्या है, तो वह सीएमओ की जांच रिपोर्ट के बाद ही ड्यूटी काटने पर विचार कर सकते हैं। अगर वास्तव में कोई बड़ी समस्या है तो विचार किया जा सकता है।

Advertisement

कैथल में 4500 कर्मचारी, अधिकारी रहेंगे तैनात

Advertisement
Advertisement