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मिलरों, सरकार के बीच टकराव पर फैसला नयी सरकार के सहारे!

09:02 AM Oct 08, 2024 IST
मिलरों  सरकार के बीच टकराव पर फैसला नयी सरकार के सहारे
अम्बाला शहर में सोमवार को शहर अनाज मंडी में चारों ओर लगे धान के अंबार। -हप्र
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अम्बाला शहर, 7 अक्तूबर (निस)
जिला की मंडियों में गत वर्ष की तुलना में धान की आवक में कमी रिकार्ड की गई है। इसके बावजूद मंडियों में करीब 9 लाख बोरी उठान के इंतजार में हैं। मिलरों व सरकार के बीच कुछ मुद्दों पर चल रह टकराव का फैसला अब नयी सरकार बनने के बाद ही संभव है। इसी बीच अम्बाला सिटी के 4 शैलरों द्वारा रेंट एग्रीमेंट किये जाने से स्थानीय मंडी से लिफ्टिंग शुरू हो पाई है, लेकिन आवक में तेजी के साथ ही मंडियों में उठान की स्थिति बिगड़ने की संभावना से इनकार नहीं किया जा सकता।
किसान साफ मौसम में ज्यादा से ज्यादा धान की कटाई करवाकर उसको मंडी में ला रहे हैं, लेकिन मंडियों में पहले से ही आए धान की बोरियों अथवा फड़ों पर सुखाये जा रहे धान के कारण आगे धान डालने में दिक्कतें आने लगी हैं।
खरीद एजेंसियां निर्धारित नमी वाला धान खरीद रही हैं, जिससे आवक और खरीद का अंतर बढ़ता जा रहा है। उपज मंडी में लाने वाले किसान उसे सूखने के लिए फड़ पर डालने का मजूबर हैं। इससे मंडी की बड़ी जगह धान को सुखाने में लग जाती है। आढ़ती एसोसिएशन के प्रधान दूनी चंद दानी पुर और मक्खन लाल गोयल की माने तो लिफ्टिंग सही नहीं होने और आवक में तेजी होने से मंडी में धान रखने की जगह नहीं बच पाएगी। इस सीजन में शहर मंडी में 6 अक्तूबर तक 135531 क्विंटल धान ही आया है जबकि गत वर्ष इसी आवक 266964 क्विंटल थी, इसमें से मात्र 67490 क्विंटल धान ही खरीद एजेंसियों ने खरीद की है। इनके अलावा नन्यौला, नारायणगढ़, शहजादपुर, अम्बाला छावनी, बराड़ा, मुलाना मंडियों में भी इस वर्ष आवक काफी कम रिकार्ड की गई है।
मिलर एवं शैलर एसोसिएशन के प्रधान संजीव गर्ग ने बताया कि सिटी के 4 शैलरों ने डीएफएससी के साथ केवल रेंट एग्रीमेंट ही किया है।
उनके अनुसार अब नयी सरकार ही उनकी समस्याओं पर कोई निर्णय लेगी तभी आगे की रणनीति बन पाएगी। फिलहाल किसी मिलर ने कोई एग्रीमेंट व अनुबंध नहीं किया है।

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'' जिला में निर्धारित मापदंडों के अनुसार धान की खरीद और उठान जारी है। अभी तक सिटी के मात्र 4 शैलरों के साथ ही एग्रीमेंट हो पाया है शेष मिलर अभी तक एग्रीमेंट और पंजीकरण नहीं करवा रहे, जिस कारण उठान काफी धीमा है। एजेंसियों के पास इतनी भंडारण क्षमता नहीं है कि वह पूरे सीजन की आवक को सभाल सकें। मिलरों से आग्रह किया गया है, जल्द ही स्थिति संभलने की उम्मीद है। किसानों को निर्धारित समय के अनुसार भुगतान भी किया जा रहा है। ''
-अपार तिवारी, डीएफएससी, अम्बाला।

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